10 अक्टूबर विशेष:- कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य जरुरी
Date : 10-Oct-2024
आज की तेज़ रफ्तार वाली और तनावपूर्ण ज़िंदगी में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान ना देना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पहली बार 10 अक्टूबर 1992 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ द्वारा आयोजित किया गया था, जो एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है जिसकी उपस्थिति 150 से अधिक देशों में है। इस पहल का प्रस्ताव 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ के उप महासचिव रिचर्ड हंटर ने रखा था। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित मिथकों को दूर करना और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास करना है।
यह दिन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ जी रहे लोगों के लिए समर्थन और समझ बढ़ाने की दिशा में काम करता है। इसके साथ ही, यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने और विश्वभर में एकत्रित होने के लिए एक मंच प्रदान करता है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके और इससे जुड़े नीतिगत सुधार किए जा सकें।
मानसिक स्वास्थ्य का मतलब केवल मानसिक बीमारियों से नहीं है बल्कि यह हमारे सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीकों से भी जुड़ा हुआ है। जब हम अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखते, तो इसका असर हमारे रिश्ते, कार्य – प्रदर्शन के साथ-साथ जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर पड़ता है। तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं ना केवल एक इंसान को प्रभावित करती हैं बल्कि साथ में रहने वाले और आस-पास रहने वाले लोगों को भी प्रभावित करती हैं। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना ना केवल स्वयं के विकास के साथ-साथ समाज के लिए भी ज़रूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य सेवा क्षमता को और बढ़ाने के लिए, सरकार ने एनएमएचपी के तृतीयक देखभाल घटक का विस्तार किया है। इसमें मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों के पीजी विभागों में छात्रों की सीटें बढ़ाने के साथ-साथ तृतीयक स्तर की उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी देना शामिल है। इसके अतिरिक्त, 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य के 47 स्नातकोत्तर विभागों की क्षमता में विस्तार किया गया है, साथ ही 22 नए स्थापित एम्स में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान किया गया है। पूरे भारत में, 47 सरकारी मानसिक अस्पताल हैं |
एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, सरकार ने गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सुधार के लिए 10 अक्टूबर, 2022 को राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनटीएमएचपी) शुरू किया।
36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 53 टेली मानस सेल काम कर रहे हैं।
08 अक्टूबर, 2024 तक हेल्पलाइन नंबर पर 14.5 लाख से अधिक कॉल के माध्यम से समाधान को लेकर बातचीत की गई।
इस साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम 'कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य' है, इसलिए डब्ल्यूएचओ मानसिक स्वास्थ्य और काम के बीच संबंधों पर गौर करने की बात कर रहा है। कार्यस्थल पर एक मदद करने वाला वातावरण मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अच्छा मानसिक स्वास्थ्य हमारे समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए महत्वपूर्ण है।