मंदिर श्रृंखला:- माता जतमाई और घटारानी Date : 16-Dec-2024 घटारानी मंदिर घटारानी वन देवी के रूप में पूजी जाती है | जो की गरियाबंद जिले में पहाड़ पर स्थित हैं | यह भक्तों के लिए आस्था का केंद्र होने के साथ ही पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सुदरता के कारण आकर्षण का केंद्र है| यहाँ पर चट्टानों से गिरते जल-प्रवाह लोगों का मन मोह लेती है | इस झरने से गुजर कर ही ऊपर पहाड़ी पर माता घटारानी विराजमान हैं | और यहाँ से थोड़ी दूर सीढ़ी चढ़ने पर काली माता की मूर्ति है तत्पश्चात आगे जाने पर भगवन शिव की बड़ी सी प्रतिमा है | मानसून के बाद यहां यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है। जतमाई माता मंदिर जतमाई छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीर्थ और पर्यटन स्थलों में से एक है। गरियाबंद जिले में शहर के प्रदूषण से मुक्त शांत जगहों में से एक जतमाई धाम है। जो प्रकृति की गोद में बसा चर्चित तीर्थ स्थान है। जतमाई छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 65 किमी की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक स्थल है | जहाँ माँ जतमाई का प्रसिद्ध मंदिर है जो की पहाड़ों और वन की देवी है। वनों से आच्छादित यह अत्यंत सुंदर स्थान है यहाँ वर्षा ऋतु में कल-कल करते झरने के लिए भी प्रसिद्ध है | यह झरना जतमाई देवी की चरणों को स्पर्श करते हुए चट्टानों से होकर नीचे छोटे कुंड के आकार के स्थान में गिरती है, जहाँ पर छोटे –छोटे चट्टान एवं शिवलिंग भी है | मान्यता- कहते है इस मंदिर में मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है | जतमाई माता के पास ही कचना धुर्वा नाम से देवता (2 हाथी और 2 घोड़े के मूर्ति ) है| पुजारी के अनुसार – यह जतामई माता के पुत्र की सवारी है | मान्यता है कि जतमाई माता से कुछ मांगना है तो कचना धुर्वा देवता की झोपड़ी में चुनरी या नारियल बांधते हैं | मनोकामना पूर्ण होने पर आकर उस नारियल या चुनरी को खोलना होता है | इस मंदिर परिसर में अनेक देवी –देवताओं के मंदिर बने हुए है | यहाँ हनुमान जी की बड़ी सी प्रतिमा भी है | यहाँ भगवान शिव का भी मंदिर है इसी मंदिर से लगा एक गुफा है जिसमे दो देवियाँ विराजमान है | नोट- यह मंदिर गरियाबंद जिले के गाय डबरी पंचायत के पास के वनक्षेत्र पर स्थित है | जतमई घटारानी मंदिर रायपुर से लगभग 70 किमी. की दूरी पर स्थित है तथा जतमई मंदिर से 25 किमी. की दुरी पर घटारानी मंदिर स्थित है।