एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी 'एयरो इंडिया' इस बार भारत की हवाई ताकत और स्वदेशी अत्याधुनिक तकनीक का शानदार प्रदर्शन बनी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर इस प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किया। 'एयरो इंडिया' का 15वां संस्करण 'रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज' के व्यापक थीम के तहत आयोजित किया गया, जो आत्मनिर्भर भारत और 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के विजन के अनुरूप रक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा।
उद्घाटन के अवसर पर रक्षामंत्री ने कहा कि 'एयरो इंडिया' एक ऐसा मंच है, जो भारत की ताकत और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। यह न केवल भारत की रक्षा तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में भी अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि भारत का उद्देश्य अपने मित्र देशों के साथ सहयोग बढ़ाना और साझा प्रगति को प्रोत्साहित करना है।
इस प्रदर्शनी में 42,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में 150 विदेशी कंपनियों सहित 900 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा 'एयरो इंडिया' आयोजन बन गया है। रक्षामंत्री ने 90 से अधिक देशों की भागीदारी को भारत की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं में वैश्विक विश्वास का संकेत बताया। इस कार्यक्रम में 30 देशों के रक्षामंत्री या प्रतिनिधि और 43 देशों के वायुसेना प्रमुख और सचिव भी शामिल हो रहे हैं, जो भारत के रक्षा सामर्थ्य के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए इस कार्यक्रम के महत्व को बढ़ाते हैं।
'इंडिया पवेलियन' भारतीय रक्षा उद्योगों को अपनी डिजाइन, विकास, नवाचार और विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा। इस पवेलियन में 'आत्मनिर्भरता की उड़ान' थीम के तहत भारत की एयरोस्पेस और रक्षा महाशक्ति बनने की दिशा में उसकी यात्रा को दिखाया जाएगा। इसे पांच प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया है: एयरो एविएशन, लैंड एविएशन, नेवल एविएशन, डिफेंस-स्पेस और उन्नत प्रौद्योगिकी, जिसमें 275 से अधिक प्रदर्शन शामिल होंगे।
रक्षा नवाचार का प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम 'मंथन' 12 फरवरी को रक्षामंत्री की उपस्थिति में आयोजित होगा, जिसमें उद्योग के नेता, शिक्षाविद, इनोवेटर, और अन्य हितधारक एक साथ आएंगे। यह कार्यक्रम रक्षा नवाचार के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और अवसरों पर विचार करेगा, साथ ही रक्षा स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई का समर्थन करने और पारिस्थितिकी तंत्र में रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
12 फरवरी को 'सामर्थ्य' थीम पर स्वदेशीकरण कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें भारत की स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा। यह कार्यक्रम रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रदर्शित करेगा।
इसके अतिरिक्त, कई महत्वपूर्ण सेमिनार भी होंगे, जैसे भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित सेमिनार जिसका विषय 'हवाई युद्ध के लिए मानव रहित टीमें' होगा। इसके अलावा, डीआरडीओ द्वारा आयोजित 'विकसित भारत के लिए डीआरडीओ-उद्योग तालमेल' और अन्य विषयों पर भी सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, जो इस कार्यक्रम के दौरान हो रहे स्वदेशीकरण और तकनीकी विकास को उजागर करेंगे।