एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है एक स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए हर व्यक्ति को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है संतुलित आहार का मतलब यह नहीं होता कि हम भोजन पेट भर कर खाएं संतुलित आहार का अर्थ होता है जिसमें उचित मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट ,वसा आदि उपस्थित हो आज के टाइम में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई जंक फूड खाने की आदत बना चुके हैं क्योंकि जंक फूड बहुत ही स्वादिष्ट होता है और आसानी से हर जगह उपलब्ध हो जाता है तथा या कम दाम में भी मिल जाता है दिखने में भी बहुत ही आकर्षक और सुंदर दिखाई देता है जिसके कारण लोग बहुत ही आसानी से जल्द इसकी ओर आकर्षित हो जाते है यह जंक फूड हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं होता अपितु यह हानिकारक होता है।जी जो की कई सारे बीमारियों का कारण बनता हैं। एक स्वस्थ भोजन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधकता क्षमता को बढ़ती है जो कि हमें कई प्रकार के बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है भोजन को हमें स्वाद के अनुसार नहीं बल्कि शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए खाना चाहिए। एक स्वास्थ्य भोजन हमारे अच्छे शरीर का निर्माण करता ही है साथ ही हमारा बौद्धिक विकास भी करता है शरीर को स्वस्थ होना सबसे बड़ी उपलब्धि है एक स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ दिमाग हमें कामयाबी की ओर लेकर जाता है|
संतुलित आहार
भारत में हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों में स्वस्थ शरीर और स्वस्थ भोजन के बारे में जागरूकता फैलाना होता है इसके अंतर्गत कई स्कूलों में आज भी मिड डे मील अर्थात मध्यान भोजन बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है तथा आंगनबाड़ी में भी भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है डब्ल्यूएचओ(WHO) द्वारा पहला विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 1950 को मनाया गया था। इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 का थीम था। "हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य" (our planet and our health) जिसका अर्थ होता है हमारे ग्रह पर रहने वाले प्रत्येक मनुष्य के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है लोगों में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाना तथा लोगों को खतरनाक बीमारी के बारे में जानकारी देकर उनकी इन बीमारियों से रक्षा करना।
भूख लगने पर हर व्यक्ति भोजन के रूप में कई सारे भोजन को खाते हैं जैसे रोटी, सब्जी ,दाल चावल ,पिज़्ज़ा ,बर्गर ,मेगी, समोसा इत्यादि । इनके अलावा भी हम और भी बहुत से चीजों को खाते हैं शुरुआत करते हैं अपने घर से। घर पर भूख लगने पर खाना हम तो खाते ही खाते हैं इसके अलावा यदि घर पर यदि कोई गलती कर दे तो मम्मी -पापा की डांट खाने को मिलती है और कई बार तो मार भी खाने को मिल जाती है। स्कूल में होमवर्क ना करने पर शिक्षक के द्वारा डांट व मार खाने को मिल जाती है किसी मंदिर में देवी देवताओं के दर्शन करने जाने पर लाइन लगाकर लोगों के धक्के खाने पड़ जाते हैं या फिर बस व रेल यात्रा में भीड़ के कारण भी लोगों के धक्के खाने को मिल जाते हैं पढ़ लिखने के बाद नौकरियों के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है तथा नौकरी मिल जाने पर सही समय पर काम पूरा न करने पर बॉस द्वारा डांट खाने को भी मिल जाती है यदि नौकरी नहीं मिले तो समाज द्वारा ताने खाने को भी मिल जाती है । और अंत में जिंदगी को मौत खा जाती है|
लेखिका - अनीता कुमारी