श्रीलंका जिसका प्राचीन नाम सिलोन था, इसे वर्श 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिली थी, वर्तमान मे ंश्रीलंका की 2 विभिन्न राजधानियां है पहली कोलंबो और दूसरी श्री जयवर्धनेपुरा कोट्ठे। वर्तमान में श्रीलंका की आबादी 2.2 करेाड़ है (लगभग हरियाणा जितनी) और क्षेत्रफल 65610 वर्ग किलोमीटर (लगभग हिमांचल जितनी) है। भारत के पड़ोसी देष श्रीलंका आखिर क्यों आर्थिक आपातकाल का सामना कर रहा है? चलिये कुछ महत्वपुर्ण तथ्यों के आधार पर श्रीलंका के इस हालत मे ंपहुँचने की असल वजह की विवेचना ही जाए-
1) 1983 से 2009 तक चले गृहयुद्ध
उत्तरी श्रीलंका एवं पूर्व श्रीलंका में तमिल भाशियों के अलग देष की मांग की कारण श्रीलंका मंे बहुसंख्यक सिंहली और अल्पसंख्यक तमिलों के बीच एक गृहयुद्ध 23 जुलाई 1983 से षुरू हो जाता है, श्रीलंका सरकार के सैन्य अभियान के बाद मई 2009 में अलगावादी संगठन स्ज्ज्म् को हरा कर यह युद्ध समाप्त तो हुआ परंतु इतने परंतु इतने लंबे वक्त तक चले गृहयुद्ध के कारण न केवल सैन्य खर्च बढ़ता गया बल्कि गृहयुद्ध से इतने लंबे वक्त तक देष के व्यापार एवं पर्यटन क्षेत्र को भी काफी आर्थिक नुकसान उठाने पड़े थे।
2) विदेषी कर्ज
श्रीलंका सरकार द्वारा संस्थागत लोन जैसे वर्श 2016 म्गजमदकमक थ्नदक थ्ंबपसपजल ;म्थ्थ्द्ध ैनचचवतज च्तवहतंउ के तहत प्डथ् से 1500 करोड़ डॉलर का कर्ज, इसके अलावा एषियन डेब्लपमेंट बैंक से कुल 442 करोड़ डॉलर, विव्श्र बैंक से 323 करोड़ डॉलर कर्ज लिया है, जबकि विदेषी कर्ज के तौर पर चीन से 339 करोड़ डॉलर, जापान से 336 करोड़ डॉलर भारत से 86 करोड़ डॉलर कर्ज लिया है, जिस कारण श्रीलंका की ब्याज देनदारी इतनी हो गयी है और श्रीलंका गहरे आर्थिक संकट में है।
3) टैक्स गिरावट
वर्श 2019 में श्रीलंका मंे पोदुजाना पेरामुना पार्टी की सरकार बनते ही राजपक्षे परिवार सत्ता में आ गया, चुनावी घोशणा के कारण निगम कर 28 प्रतिषत से 24 प्रतिषत और ट।ज् कर को 15 प्रतिषत से 8 प्रतिषत तक कम कर दिया, इस कारण देष की त्मअमदनम ध्ळक्च् अनुपात 30 प्रतिषत तक कम हो गयी। इसके अलावा श्रीलंका में साल दर साल नारियल, चाय, ममाले का निर्यात भी कम होता गया और जिस वजह से व्यापार घाटा बढ़ा और देष का राजकोशीय घाटा ळक्च् का 11 प्रतिषत तक बढ़ चुका है।
4) वर्श 2019 के ईस्टर त्योहार में हुए सीरियल ब्लास्ट
श्रीलंका एक समुद्र तटीय देष है इस देष की जीडीपी का 12 प्रतिषत हिस्सा पर्यटन उद्योग पर निर्भर है, 21 अप्रैल 2019 ईस्टर त्योहार पर राजधानी कोलंबो समेत अन्य जगहों पर कुल 8 सीरियल ब्लास्ट में कुछ विदेषी टुरिस्ट समेत 290 लोगों की मौत हुई थी, इस घटना के बाद से ही से श्रीलंका के पर्यटन उद्योग और उनसे जुड़े लोगो को काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
5) 2019-20 कोविड और भ्रश्टाचार के आरोप
श्रमिकों द्वारा भेजे जाना प्रेशण ;ूवतामतेष् तमउपजजंदबमेद्ध में गिरावट जो की श्रीलंका में विदेषी मुद्रा का एक प्रमुख स्त्रोत रहा है, कोविड-19 से प्रभावित हुआ और पिछले 10 साल के निचले स्तर 5.49 बिलियन डॉलर पर आ गया, जिस से देष की विदेषी मुद्रा भंडार में गिरावट आ गयी, इसके अलावा देष की आर्थिक संकट के लिए श्रीलंका सरकार पर कथित भ्रश्टाचार के कई आरोप लगे वह भी जिम्मेदार है।
6) खाद्य संकट और महंगाई
पर्यावरण और व्यापार घाटा के उचित विकल्प के तौर पर राजपक्षे सरकार ने देष में रासायनिक उर्वरक आयात को बैन कर मई 2021 से देष में पूर्णतः जैविक खेती लागू कर दिजा, परंतु पर्याप्त उत्पादन न होने की वजह से श्रीलंका को खाद्यान्न वस्तुएँ आयात करना पड़ी इससे श्रीलंका की विदेषी मुद्र भंडार तेजी से कम होती गई परिणामस्वरूप् महंगाई उच्चतम स्तर तक चली गयी।
श्रीलंका में वर्श 2022 में हुए के राजनीतिज्ञ अस्थिरता घटनाक्रम-
क्र 15 मार्च 2022 - गोटाबाया राजपक्षे परिवार के विरूद्ध प्रदर्षन
क्र 04 अप्रैल 2022 - नमल राजपक्षे समेत 26 मंत्रियों द्वारा इस्तीफ
क्र 09 मई 2022 - महेंद्र राजपक्षे की जगह रनिल विकरमसिंघे नए प्रधानमंत्री
क्र 05 जुलाई 2022 - रनिल विकरामसिंघे द्वारा देष के दीवालिया होने की घोशणा
क्र 13 जुलाई 2022 - राश्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे मालदीव भागे
क्र 22 जुलाई 2022 - नए राश्ट्रपति रनिल विकरामसिंघे और नए प्रधानमंत्री दिनेष गुणवर्ध
Author: Mr. Sumeet Kumar Gupta
(M.Tech)
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