नई दिल्ली, 15 जुलाई। यमन में हत्या के मामले में मौत की सजा पाने वाली केरल की निमिषा प्रिया की फाँसी को स्थगित कर दिया गया है। उसे कल यानी 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। उनके अनुसार भारत सरकार इस जटिल मामले से शुरू से ही सक्रिय रूप से जुड़ी रही है और निमिषा प्रिया के परिवार को व्यापक सहायता प्रदान कर रही है। हाल के हफ्तों में भारतीय अधिकारियों ने परिवार को विरोधी पक्ष के साथ पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुँचने के लिए अतिरिक्त समय पर बातचीत करने के अपने प्रयास तेज़ कर दिए हैं।
सूत्रों का कहना है कि स्थिति की नाजुक प्रकृति के बावजूद भारतीय राजनयिकों ने स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा है। इसने फांसी टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
निमिषा प्रिया को 2017 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए वहां मौत की सजा सुनाई गई थी। वह 2008 में नर्स के रूप में काम करने के लिए यमन आई थीं और बाद में 2015 में उसने अपना क्लिनिक खोला। यमनी कानून के अनुसार स्थानीय साथी की आवश्यकता के मद्देनजर उन्होंने महदी के साथ सहयोग किया, लेकिन उनके रिश्ते बिगड़ गए।
प्रिया का आरोप है कि महदी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और खुद को उनका पति बताया। जानकारी के अनुसार 2017 में उन्होंने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया, लेकिन ओवरडोज़ के कारण उनकी मौत हो गई। उन्हें 2018 में इसके लिए दोषी ठहराया गया, 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने उनकी सजा को बरकरार रखा।