कैबिनेट की बैठक में 30 प्रस्तावों पर मुहर
पटना, 15 जुलाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अगले पांच वर्षों यानी 2030 तक रोज़गार और रोजगार के अवसर पैदा करने सहित कुल 30 निर्णय लिए गए।
कैबिनेट सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि ये रोजगार और रोजगार के अवसर सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में सृजित किए जाएंगे, साथ ही सरकार से किसी भी रूप में सहायता प्राप्त करने वाली फर्मों/उद्यमियों में भी।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक 12 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया, जो इस उद्देश्य के लिए सभी संभावनाओं और विकल्पों पर विचार करने के बाद सरकार को अपने सुझाव देगी। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, कैबिनेट ने सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उन गैर-कॉर्पोरेट करदाताओं को भी देने का निर्णय लिया, जो राज्य के निवासी हैं और जिनका व्यवसाय राज्य में पंजीकृत है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में वाणिज्य कर विभाग के प्रस्ताव "बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना, 2025" को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार किसी व्यवसायी की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उसके निकटतम परिजन को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी, बशर्ते व्यवसायी बिहार का निवासी हो या उसने राज्य में अपना व्यवसाय पंजीकृत कराया हो। राज्य के व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के अलावा, यह जीएसटी करदाताओं को भी कवर करेगा।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को एकमुश्त राशि के भुगतान के लिए 394.41 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता भी स्वीकृत की है। उन्होंने आगे कहा कि गैर-सहायता प्राप्त शिक्षा नीति को समाप्त करने के बाद, सरकार विभिन्न प्रभागों में उत्तीर्ण छात्रों की संख्या के आधार पर ऐसे विद्यालयों को अनुदान देती है।
पटना मेट्रो के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के रखरखाव के लिए धनराशि स्वीकृत -सिद्धार्थ ने बताया कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के रखरखाव के लिए दो साल आठ महीने (अगस्त 2025 और मार्च 2028) की अवधि के लिए 179.37 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई है। उन्होंने आगे बताया कि यह राशि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दी जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने तीन-कार सिंगल ट्रेनसेट मेट्रो को तीन साल की अवधि के लिए किराए पर लेने के लिए 21.15 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत की।
गौरतलब है कि मेट्रो ट्रेन सबसे पहले मलाही पकरी और न्यू आईएसबीटी के बीच एक एलिवेटेड सेक्शन पर प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर अपनी सेवा शुरू करेगी।
बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को 6000 रुपये का एकमुश्त मानदेय-मंत्रिमंडल ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य के लिए 77,895 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और 8245 बीएलओ पर्यवेक्षकों को 6000 रुपये का एकमुश्त मानदेय देने का निर्णय लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इस हेतु 51.68 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
बिहार कैबिनेट की बैठक में चार डॉक्टरों को बर्खास्त करने को लेकर भी निर्णय लिया गया है। इसके तहत लखीसराय में पोस्टेड डॉक्टर कृतिका सिंह, डॉ कृति किरण, बेगूसराय में पोस्टेड डॉक्टर चंदना कुमारी और जमुई में तैनात डॉक्टर निमीषा रानी को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया है। इन सभी को लगातार अनुपस्थित रहने की वजह से सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया है।
पटना की ही तरह भागलपुर और मुंगेर में गंगा पर परियोजना को मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दी है। इसके तहत भागलपुर में सुल्तानगंज-भागलपुर-सबोर के बीच 40.80 किलोमीटर लंबा पथ बनेगा। इसके लिए 4,850 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। मुंगेर जिले में भी गंगा पथ परियोजना को मंजूरी दी गई है। मुंगेर -बरियारपुर-घोरघट -सुल्तानगंज के बीच 42 किलोमीटर लंबा पथ बनेगा और इसके लिए 5,120 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गई ।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय-मंत्रिमंडल ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा द्वारा संचालित 46 राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कार्यशालाओं एवं प्रयोगशालाओं के लिए मशीनरी/उपकरण/औजार/कंप्यूटर क्रय एवं स्थापना हेतु 80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसी प्रकार, राज्य के 38 राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में कार्यशालाओं एवं प्रयोगशालाओं हेतु मशीनरी/उपकरण/औजार/कंप्यूटर क्रय एवं स्थापना के लिए 90 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
कैबिनेट ने पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तार, जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण कार्य के लिए अनुमानित 7832.29 करोड़ रुपये की राशि को भी मंजूरी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इस परियोजना के मार्च 2029 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना के पूरा होने पर दरभंगा जिले के 16 और मधुबनी जिले के 20 प्रखंडों को लाभ मिलने की उम्मीद है। परियोजना का कृषि योग्य कमान क्षेत्र (कृषि योग्य कमान क्षेत्र) 2,15,672 हेक्टेयर है और वार्षिक सिंचाई क्षमता 2,91,158 हेक्टेयर है। कैबिनेट ने वित्त विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।