नई दिल्ली, 15 जुलाई । नागालैंड विश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय के डीन पर रिश्वतखोरी और गड़बड़ियों की शिकायत के आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. चित्तरंजन देब के खिलाफ केस दर्ज किया है। वह लुमनी कैंपस में विज्ञान संकाय के डीन, शैक्षणिक और प्रशासनिक गुणवत्ता सुधार (आईक्यूएसी) के निदेशक और वनस्पति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं।
सीबीआई द्वारा 12 जुलाई को दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि डॉ. देब ने निजी आर्थिक लाभ के इरादे से वैज्ञानिक उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियों की खरीद में गड़बड़ियां कीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने आपूर्ति आदेशों में कुछ कंपनियों और बोलीदाताओं को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया, जिसके बदले रिश्वत ली और विश्वविद्यालय को नुकसान पहुंचाया।
सीबीआई ने इस मामले में जोरहाट (असम), लुमनी (नागालैंड) और अगरतला (त्रिपुरा) सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। ये तलाशी अभियान 12 जुलाई और उसके बाद की तारीखों में चलाए गए। छापों के दौरान सीबीआई को रिश्वत लेन-देन से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज़ और टेंडर से संबंधित अहम कागजात मिले हैं।
सीबीआई का कहना है कि यह मामला एक पूर्व नियोजित भ्रष्ट योजना का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसमें आरोपित ने निजी फायदा कमाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। फिलहाल जांच जारी है और एजेंसी सभी दस्तावेजों और सबूतों की गहराई से पड़ताल कर रही है।