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गुजरात के सूरत दुष्कर्म मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने आसाराम को दी 6 महीने की जमानत

Date : 06-Nov-2025

अहमदाबाद,06 नवंबर | गुजरात उच्च न्यायालय ने सूरत बलात्कार मामले में दोषी आसाराम बापू को 6 महीने की ज़मानत दे दी है। गुजरात उच्च न्यायालय ने 86 वर्षीय आसाराम बापू को 6 महीने की नियमित ज़मानत दे दी है, जो सूरत और जोधपुर में बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए गए हैं और आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे हैं।

आसाराम की ओर से दलील दी गई कि जोधपुर अदालत ने आसाराम को 6 महीने की जमानत दी है। वह हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं और इलाज के हक़दार हैं। अगर अपील की सुनवाई 6 महीने के भीतर आगे नहीं बढ़ती है, तो वह फिर से जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।

गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि चूँकि आसाराम को जोधपुर उच्च न्यायालय ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर ज़मानत दी थी, इसलिए गुजरात उच्च न्यायालय इस पर कोई अलग रुख़ नहीं अपना सकता। अगर राजस्थान सरकार इस ज़मानत को चुनौती देती है, तो गुजरात भी ऐसा कर सकता है।

सरकारी पक्ष ने दलील दी कि अगर जोधपुर जेल में चिकित्सा सुविधाएँ पर्याप्त नहीं हैं, तो उन्हें साबरमती जेल स्थानांतरित कर दिया जाए।

वहीं पीड़िता के वकील ने कहा, ऐसी स्थिति में आसाराम ने अहमदाबाद, जोधपुर, इंदौर आदि जगहों की यात्रा की, लंबे समय तक किसी अस्पताल में इलाज नहीं कराया। अगर उनका इलाज हो रहा है तो फिर जमानत की क्या जरूरत है। जोधपुर के आरोग्यम मेडिकल सेंटर में डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। अस्थायी जमानत देने की कोई जरूरत नहीं है।

इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने आसाराम की अस्थायी जमानत 4 बार बढ़ाई थी। 27 जून को गुजरात उच्च न्यायालय ने जमानत 07 जुलाई तक बढ़ा दी थी। उसके बाद 03 जुलाई को जमानत 01 महीने के लिए बढ़ा दी और 7 अगस्त 2025 को तीसरी बार जमानत बढ़ा दी। उच्च न्यायालय ने 19 अगस्त को चौथी बार जमानत 3 सितंबर तक बढ़ा दी थी।

इससे पहले जोधपुर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आसाराम को 18 अगस्त 2025 की सुबह चेक-अप के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल लाया गया था। निजी अंगरक्षकों के काफिले के साथ आए आसाराम के ओपीडी और ट्रॉमा सेंटर में जांच के दौरान मरीजों और परिजनों को करीब तीन से चार घंटे तक परेशान होना पड़ा। इससे पहले, आसाराम की गाड़ी को गलत दिशा से ट्रॉमा सेंटर के गेट तक ले जाने के कारण आठ एम्बुलेंस में सवार मरीजों को बीस मिनट तक इंतजार करना पड़ा। आसाराम के निजी अंगरक्षकों ने दो घंटे तक ट्रॉमा सेंटर के दरवाजे अन्य मरीजों के लिए बंद रखे। वहीं, ओपीडी भी ढाई घंटे तक बंद रही।

 
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