उडुपी, 28 नवंबर। कर्नाटक के उडुपी स्थित श्रीकृष्ण मठ पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुत्तिगे सुगुणेंद्र तीर्थ स्वामीजी ने विशेष तिलक, अंगारक अक्षत और होममसी की माधव परंपरा की तुलसीमणि देकर सम्मानित किया। इसके बाद गीतोत्सव के मंच पर प्रधानमंत्री ने भी
एक लाख लोगों के साथ गीता पाठ किया। उन्होेंने भगवद्गीता के 15वें अध्याय, पुरुषोत्तम योग का पाठ किया और उसका सार समझाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को एक दिवसीय दौर पर उडुपी पहुंचे और यहां श्रीकृष्ण मठ में आयोजित लक्ष कंठ गीता पारायण कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कनकदास की मूर्ति पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कनकदास की खिड़की से भगवान कृष्ण के दर्शन किए और प्रार्थना की। स्वामी सुगुणेंद्र तीर्थ ने संस्कृत में स्तुति करते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री अर्जुन के रूप में भगवान कृष्ण के पास आए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री को सम्मान स्वरूप मठ की विरासत का प्रतीक, चांदी की परत चढ़ी ‘दही-मक्खन अलग करने वाली छड़ी’ भी भेंट की गई।
गीतोत्सव के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक लाख लोगों के साथ भगवद्गीता के 15वें अध्याय, पुरुषोत्तम योग का पाठ किया और उसका सार समझाया।उन्होंने कहा कि कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो। जिसने आत्मा-परमात्मा के सिद्धांत को समझ लिया है, उसे सिद्धि प्राप्त होती है।
