कोटवालिया आदिवासी: स्त्री-पुरुष समानता का अनूठा उदाहरण | The Voice TV

Quote :

कृतज्ञता एक ऐसा फूल है जो महान आत्माओं में खिलता है - पोप फ्रांसिस

Travel & Culture

कोटवालिया आदिवासी: स्त्री-पुरुष समानता का अनूठा उदाहरण

Date : 04-Jan-2024

पर्टिकुलर वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप (पीवीटीजी) यानी आदिम जाति के आदिवासी परिवारों को केन्द्र सरकार की पीएम जनमन कार्यक्रम के तहत लाभ पहुंचाने के लिए देश में योजना लागू की गई है। जिसके अंतर्गत नर्मदा जिले में बसे कोटवालिया आदिम जाति को भी शामिल किया गया है। करीब सवा सौ साल पहले अंग्रेजों के शासनकाल में बॉम्बे प्रेसिडेंसी क्षेत्रों में कोटवालिया आदिम जाति महज 413 व्यक्ति थे। अब इनकी संख्या नर्मदा जिले में बढ़ कर 4676 हो गई है।

गुजरात सरकार से मिली जानकारी के अनुसार अंग्रेजी शासन के दौरान वर्ष 1901 में रेजीनाल्ड एंथोव ने बॉम्बे प्रेसिडेंसी के अंतर्गत क्षेत्रों का विस्तृत सर्वे कर पुस्तक का प्रकाशन किया था। यह पुस्तक ‘दी ट्राइब्स एंड कास्टिस ऑफ बॉम्बे’ और इसके तीसरे भाग में कोटवालिया समुदाय की जनसंख्या और इनके रीति-रिवाजों के बारे में रोचक जानकारी दी गई है।

पुस्तक में उल्लेख है कि वर्ष 1901 तक बॉम्बे प्रेसिडेंसी के अंतर्गत सूरर परगना और इसके आसपास के क्षेत्रों में कोटवालिया समुदाय निवास करता है। उस समय 206 पुरुष और 207 महिला मिलाकर इनकी कुल आबादी 413 दर्ज की गई थी। यह सभी परिवार बांस काटकर उनसे विविध वस्तुओं को बनाकर अपना गुजर-बसर करते थे। इस वजह से इन्हें वांसफोडिया के रूप में पहचाना जाता था। इसके अलावा अंग्रेज इन्हें विटोलिया के रूप में भी जानते थे।

इस समाज के लोगों को कोटवालिया क्यों कहा जाता था, इसकी भी एक रोचक कहानी है। इस समुदाय के किसी एक आदिवासी ने अंग्रेज अधिकारी को बांस से बने कोट भेंट स्वरूप दिया था। यह कोट इतना सुंदर था कि अंग्रेज उसे कोटवालिया या कोट-वाला के रूप में पहचानने लगे। इसके कारण इन्हें कोटवालिया कहा जाने लगा।

पुस्तक में इस समाज के रीति-रिवाजों का भी उल्लेख है। प्राचीन भारत में विधवा विवाह प्रचलन में नहीं थी। बाद में समाज सुधारक राजाराम मोहनराय के प्रयत्नों से विधवा विवाह को कानूनी रूप दिया जा सका। महिलाओं को पारिवारिक मामलों में एक समान अधिकार व सम्मान दिया जाता था।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement