भारत का छत्तीसगढ़ राज्य एक ऐसा राज्य है जिसे 'धान का कटोरा' कहा जाता है। यह राज्य सिर्फ धान ही नहीं बल्कि प्राचीन विरासत, अद्भुत नज़ारे, दुर्लभ पहाड़ियां और वॉटरफॉल के साथ-साथ ट्राइबल गांवों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां मौजूद ट्राइबल गांव अपनी खूबसूरती और कुछ अद्भुत जगहों के लिए पूरे भारत में फेमस है।ट्राइबल हार्टलैंड ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर जगदलपुर में घूमने लायक पर्यटन स्थलों में कुछ सबसे खूबसूरत स्मारक, मंदिर, महलों के साथ-साथ प्रसिद्ध झीलें, झरने और राष्ट्रीय उद्यान जैसी प्राकृतिक सुंदरता शामिल है।
लामनी पार्क
लामनी पार्क शहर के सबसे बड़े पार्क में से एक है। इस पक्षी विहार में लगभग 20 से अधिक पक्षी की प्रजातियों को देख सकते हैं। अगर आप एक नेचर प्रेमी हैं तो फिर आपको इस पार्क में घूमने के लिए ज़रूर पहुंचना चाहिए। जगदलपुर में लामनी पार्क सबसे शांत जगह के रूप में भी फेमस है।
वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर
जगदलपुर में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है और इसे स्थानीय रूप से बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की स्थापना और रखरखाव आंध्र एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा किया गया है और इसकी वास्तुकला सुंदर है। ब्रह्मांड के स्वामी, भगवान बालाजी को समर्पित, यह मंदिर उन भक्तों द्वारा बनाया गया था जो अपने घर के नजदीक एक बालाजी मंदिर चाहते थे जहां वे प्रार्थना और ध्यान कर सकें। वास्तुकला की शैली आम तौर पर दक्षिण भारतीय है और आंखों को भाती है।
तीरथगढ़ वॉटरफॉल
जगदलपुर में घूमने के लिए अगर कोई सबसे बेहतरीन जगह है तो उसका नाम है तीरथगढ़ वॉटरफॉल। लगभग 300 फीट की ऊंचाई से जब पानी नीचे गिरता है तो नज़ारा देखते ही बनता है। आपको बता दें कि यह वॉटरफॉल कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का ही एक भाग है।
बस्तर पैलेस
बस्तर पैलेस एक ऐतिहासिक स्थल है। कहा जाता है कि किसी समय बस्तर राज्य का यह मुख्यालय हुआ करता था। इसक निर्माण बस्तर राज्य के शासकों द्वारा कराया गया था। हल के सामने एक खूबसूरत बगीचे के साथ गलियारे चौड़े हैं जहां आप बैठकर इस अद्भुत संरचना को निहार सकते हैं। वर्तमान समय में, यह महल बीते युग की कलाकृतियाँ, पेंटिंग, हथियार, आभूषण, कपड़े और कई अन्य चीजें प्रदर्शित करता है और एक संग्रहालय के रूप में कार्य करता है।
जग्गनाथ मंदिर
जग्गनाथ मंदिर भगवान जग्गनाथ, सुभद्रा और बलभद्र को समर्पित है। मंदिर सुंदर है और इसकी संरचना अद्वितीय है और प्रवेश द्वार शेर के आकार का है और इसे स्थानीय लोग 'सिंघ द्वार' के नाम से जानते हैं। मंदिर में भगवान जग्गनाथ के सम्मान में मधुर धुनें बजाई जाती हैं और भगवान को प्रसाद भी दिया जाता है; इनमें अंकुरित अंकुरित फलियाँ या पका हुआ कटहल शामिल हैं। प्रसिद्ध गोंचा उत्सव के दौरान इस मंदिर को अत्यधिक सजाया जाता है और उत्सव की शुरुआत इसी मंदिर से होती है।