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प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है-शिशुपाल पर्वत

Date : 11-Jan-2024

 शिशुपाल पर्वत पर प्राकृतिक सौंदर्य, एडवेंचर तथा ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए करीब 1200 फीट की सीधी चढ़ाई यादगार अनुभव बन जाती है। इस पहाड़ की चोटी पर बड़ा सा मैदान भी है, जो अपने आप में एक अनोखी है। वहीं शिशुपाल पर्वत पर घोड़ाधार नाम का बेहद ऊंचाई से गिरने वाला एक अत्यधिक मोहक झरना है। इसके अलावा पर्वत की शिखर पर जन आस्था का केंद्र प्राचीन शिव मंदिर भी स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इस पहाड़ पर जड़ी-बूटियों के कई औषधीय गुणों वाले पौधे भी अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

अगर आप भी ट्रैकिंग के शौकीन हैं,तो छत्तीसगढ़ के इस शिशुपाल पर्वत से ज्यादा खूबसूरत जगह कोई दूसरी नहीं हो सकती। प्रकृति के प्रति लगाव रखने वाले और उसकी गोद में सुकून की तलाश करने वाले लोगों के लिए इस पहाड़ पर चढ़ना किसी रोमांचक सफर से कम नहीं हैं|

स्वाभिमान से जुड़ी कहानी वाला यह शिशुपाल पर्वत राजधानी रायपुर से लगभग 157 किलोमीटर की दूरी एवं महासमुंद जिले के सरायपाली से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले में स्थित सराईपाली से करीब 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बेहद ही खूबसूरत पहाड़ी शृंखला, जिसे बुढ़ा डोंगर के नाम से भी जाना जाता है, डोंगर अर्थात पर्वत इस पर्वत का क्षेत्रफल करीब 10 किलोमीटर है। इसकी सबसे ऊंची चोटी को क्षेमाखुटी के नाम से भी जानते हैं।

ऐसे पड़ा इस पहाड़ का नाम शिशुपाल पर्वत:- बताया यह भी जाता है कि इसी पहाड़ के ऊपर किसी समय पर शिशुपाल नामक राजा का एक मनमोहक महल हुआ करता था। जब राजा को अंग्रेजों के द्वार घेर लिया गया तब राजा के द्वारा अपने ही घोड़े की आंख पर पट्टी बांधकर पहाड़ से छलांग लगा दी गई थी। इसी कारण इस पहाड़ को शिशुपाल पर्वत कहा जाता है  यहां के झरने को घोड़ाधार जलप्रपात के नाम से जाना जाता है।  

 

 

 
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