झारखंड में लोक चित्रों और संरक्षित कला और शिल्प का सबसे शानदार संग्रह है। यह आरंभिक काल से ही दुनिया भर में अत्यधिक प्रसिद्ध रहा है। झारखंड का प्राचीन धातु शिल्प, डोकरा, अभी भी प्रचलन में है और राज्य की मल्हारी और तेंतरी जनजातियों की पीढ़ियों द्वारा संरक्षित है। झारखंड में आदिवासी लोग प्रकृति को प्रमुख महत्व देते थे। आज भी, राज्य में बहुत से लोग जंगलों से आजीविका प्राप्त करते हैं, और अर्थव्यवस्था का प्राथमिक स्रोत कृषि है ।
झारखंड की संस्कृति आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। अगर आप झारखंड जाएं तो ध्यान रखें कि इन हिस्सों को मिस न करें। राज्य की सबसे अच्छी बात आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करना और आधुनिक संस्कृति के समानांतर चलना है।
झारखंड के तेंत्री और मल्हार समुदाय के लोग धातु शिल्प के विशेषज्ञ होने और कलाकृतियों की एक श्रृंखला बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रतिभाशाली कारीगर हथियारों और शिकारी औज़ार से लेकर कृषि उपकरण और सजावटी सामान तक ये सभी प्रकार कासामान बनाते हैं जो राज्य की समृद्ध आदिवासी विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं।