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खूबसूरती से भरा जलप्रपात - चित्रकोट

Date : 14-Mar-2023

चित्रकोट जलप्रपात भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर ज़िले में इन्द्रावती नदी पर स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। इस जल प्रपात की ऊँचाई 90 फीट है इस जलप्रपात की विशेषता यह है कि वर्षा के दिनों में यह रक्त लालिमा लिए हुए होता है, तो गर्मियों की चाँदनी रात में यह बिल्कुल सफ़ेद दिखाई देता है।

जगदलपुर से 40 कि.मी. और रायपुर से 273 कि.मी. की दूरी पर स्थित यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है। यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है। जगदलपुर से समीप होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्पाट के रूप में भी प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है। अपने घोडे की नाल समान मुख के कारण इस जाल प्रपात को भारत का निआग्रा भी कहा जाता है। चित्रकूट जलप्रपात बहुत ख़ूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। सधन वृक्षों एवं विंध्य पर्वतमालाओं के मध्य स्थित इस जल प्रपात से गिरने वाली विशाल जलराशि पर्यटकों का मन मोह लेती है।

भारतीय नियाग्राके नाम से प्रसिद्ध चित्रकोट प्रपात वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, परंतु वर्षा ऋतु में इसे देखना अधिक रोमांचकारी अनुभव होता है। वर्षा में ऊंचाई से विशाल जलराशि की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा कर देती है।वर्षा ऋतु में इन झरनों की ख़ूबसूरती अत्यधिक बढ़ जाती है।जुलाई-अक्टूबर का समय पर्यटकों के यहाँ आने के लिए उचित है।चित्रकोट जलप्रपात के आसपास घने वन विराजमान हैं, जो कि उसकी प्राकृतिक सौंदर्यता को और बढ़ा देती है।रात में इस जगह को पूरा रोशनी के साथ प्रबुद्ध किया गया है। यहाँ के झरने से गिरते पानी के सौंदर्य को पर्यटक रोशनी के साथ देख सकते हैं।अलग-अलग अवसरों पर इस जलप्रपात से कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएँ गिरती हैं।

 

1. चित्रकोट जलप्रपात के बारे में रोचक तथ्य

·        चित्रकोट जलप्रपात की तुलना दुनिया के सबसे भव्य और सुंदर झरने से की गई है।

·        चित्रकोट जलप्रपात इंद्रावती नदी पर स्थित है, जो ओडिशा से निकलती है, पश्चिम में बहती है और चित्रकोट में गिरती है, फिर आंध्रप्रदेश में प्रवेश करती है और अंत में गोदावरी नदी में विलीन हो जाती है।

·        ऑफ सीजन के दौरान यह चित्रकोट जलप्रपात कई छोटी छोटी धाराओं में फैल जाता है और एक घोड़े की नाल के आकार में अलग-अलग बहता है। हालांकि, मॉनसून के दौरान चित्रकूट झरने की भयंकर धाराएं देखने को मिलती हैं।

·        चित्रकूट फॉल्स के बाएं किनारे पर एक छोटा हिंदू मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है और कई प्राकृतिक रूप से निर्मित कुंड और गुफाएं हैं इन गुफाओं को पार्वती गुफाओं के नाम से जाना जाता है।

·        चित्रकोट जलप्रपात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है। इसके अलावा इससे कुछ ही दूरी पर एक दूसरा झरना तीरथगढ़ जलप्रपात स्थित है।

·        नदी के तेज बहाव के कारण यह धुंध के बादल पैदा करता है और फिर अपने ही तल पर अर्धवृत्ताकार आकार में बने तालाब से टकराता है। विशेष रूप से सूर्यास्त के दौरान चित्रकोट जल प्रपात की सुंदरता देखी जा सकती है।

·        बाढ़ के मौसम या मानसून के मौसम के दौरान यह जलप्रपात गाद से भर जाता है। यह भारत का सबसे चौड़ा झरना है।

·        चित्रकोट जलप्रपात के नीचे तालाब के किनारे जगह जगह कई छोटे छोटे शिवलिंग हैं। इसके अलावा शिव के त्रिलूल भी हैं जिनके ऊपर जंग लग गया है।

·        चित्रकूट जलप्रपात के कोने पर बैठने वाले पक्षी अक्सर इसकी सुंदरता को बढ़ा देते हैं।

·        चित्रकूट जलप्रपात का भीषण शोर इतना तेज है कि उसके शोर के पीछे कुछ भी सुनना संभव नहीं है।

·        चित्रकोट जलप्रपात बरसात के मौसम में मिट्टी के कटाव के कारण भूरे रंग का दिखायी देता है।

2. चित्रकोट जलप्रपात देखने के लिए सबसे अच्छा समय

चित्रकोट जलप्रपात की यात्रा का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर के बीच होता है। इस दौरान मानसून का समय होता है और बारिश के बाद चित्रकोट वाटरफाल्स के ऊपर धुंधले आकाश में आप सुंदर इंद्रधनुष का भी नजारा देख सकते हैं। आपको बता दें कि यहां का इंद्रधनुष बहुत प्रसिद्ध है। यदि आप बिल्कुल परेशानी मुक्त यात्रा चाहते हैं तो नवंबर से जनवरी के सर्दियों के महीने भी फॉल्स की यात्रा करने का एक अच्छा समय हो सकता है। इस ठंडे और सुहावने मौसम में आप शांत सफेद झरने और हरियाली का आनंद उठा सकते हैं।

3. चित्रकूट जलप्रपात के आसपास घूमने की जगह

तीरथगढ़ जलप्रपात

चित्रकूट झरने के बाद यह दूसरा सबसे लोकप्रिय झरना है, जो बस्तर जिले के जगदलपुर के कांगेर घाटी में स्थित है। चित्रकूट जलप्रपात के आसपास घूमने की जगह में आप इसे देख सकते हैं।

कुटुमसर गुफा

कुटुमसर गुफा कुटुमसर गांव में कांगेर नदी के तट के पास एक चूना पत्थर की गुफा है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित यह गुफा भारत में सबसे जैविक रूप से खोजी गई गुफाओं में से एक है।

कैलाश गुफा

जगदलपुर के पास स्थित कैलाश गुफा बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं, जो कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित हैं।

भैंसा दर्रा 

भैंसा दर्रा कांगेर घाटी के अंदर पानी का कुंड है और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। गहरे घाटियों पर स्थित जल कुंड मगरमच्छ और कछुआ के लिए सबसे अच्छी जगह है।

कांगेर धारा

यह कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंदर से बहने वाली एक जलधारा है। यह छोटा सा झरना जगदलपुर के पास एक अच्छा पिकनिक स्थल है और घिरी  हुई घाटी के शानदार दृश्य के लिए प्रसिद्ध है।

दलपत सागर झील

दलपत सागर झील छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है, जो कमल और पानी से भरी है। झील मछली पकड़ने, नौका विहार के लिए प्रसिद्ध है।

 
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