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छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे प्रसिद्ध एवं विख्यात पर्यटन स्थलों में से एक -इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

Date : 17-Mar-2023

छत्तीसगढ़ भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, जो अपनी वन और खनिज संपदा के लिए जाना जाता है। इस राज्य का गठन वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से अलग कर के किया गया था। इतिहास पर प्रकाश डालें तो पता चलता है कि यह क्षेत्र कभी दक्षिण कोशल का हिस्सा हुआ करता था। वाल्मीकि रामायण में इस क्षेत्र के जंगलों, बीहड़ों और महानदी का उल्लेख किया गया है। भारतीय पौराणिक इतिहास की कई घटनाएं इस क्षेत्र से जुड़ी हैं। यह राज्य प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी महत्व रखता है। कला-संस्कृति के क्षेत्र में भी इस राज्य का कोई जवाब नहीं। दूर दराज के पर्यटक यहां के वन्यजीव अभयारण्य, जलप्रपातों, पहाड़ियों और प्राचीन मंदिरों को देखने के लिए आते हैं। इस लेख में आज हम आपको छत्तीसगढ़ के खूबसूरत इंद्रावती वन्यजीव अभयारण्य के बारे में बताने जा रहे हैं,जानिए यह अभयारण्य आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।

 

 

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क है। इस उद्यान का नाम यहां बहने वाली इंद्रावती नदी के नाम पर पड़ा है। यहां आपको जंगली भैसों की एक बड़ी आबादी देखने को मिलेंगी। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान राज्य के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जहां की रोमांचक सैर का आनंद लेने के लिए दूर दराज से पर्यटकों का आगमन होता है। यह छत्तीसगढ़ के तीन खास टाइगर प्रोजेक्ट में भी गिना जाता है। यह आरक्षित वन क्षेत्र लगभग 2799.08 वर्ग कि.मी में फैला हुआ है, जहां आप वनस्पतियों, जंगली जानवरों और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देख सकते हैं। इंद्रावती 1975 में राष्ट्रीय उद्यान और 1983 में टाइगर प्रोजेक्ट की मानय्ता प्राप्त हुई थी।

वन्यजीवन

 

यह राष्ट्रीय उद्यान उष्णकटिबंधीय नम और शुष्क पर्णपाती वनस्पतियों से घिरा हुआ है। आपको यहां टीक और बांस के पेड़ ज्यादा देखने को मिलेंगे। यह नेशनल पार्क विभिन्न जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करता है। जंगली जीवों में आप यहां बाघ, तेंदुआ, स्लोथ भालू, गीदड़ जंगली भैंस, गौर, नीलगाय, काल हिरण, सांभर, चितल, जंगली सूअर आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां मगरमच्छ, बड़ी छिपकली, रॉक पाइथन, कोबरा, वाइगर जैसे जीवों को भी देख सकते हैं। इन सब के अलावा आप यहां पक्षियों की भी कई प्रजातियों को देख सकते हैं। वन्यजीवन को करीब के देखने का यह उद्यान एक आदर्श विकल्प है।

इंद्रावती वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़

 

 इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे प्रसिद्ध एवं विख्यात पर्यटन स्थलों में से है, जहां की रोमांचक सैर का आनंद लेने के लिए यहां दूर दूर से पर्यटक यहां आते है। छत्तीसगढ़ राज्य भारत का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण राज्य है, जो की अपनी वन तथा खनिज संपदा के लिए पूरे देश में विख्यात है। इस राज्य का गठन एक नवंबर सन 2000 में मध्य प्रदेश से पृथक कर के किया गया था। इतिहास की ओर प्रकाश डालें तो यह पता चलता है कि जिसे आज छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है वह क्षेत्र कभी दक्षिण कोशल का हिस्सा हुआ करता था। वाल्मीकि रामायण में भी इस क्षेत्र के बीहड़ों, जंगलों एवं महानदी का उल्लेख किया गया है। भारतीय पौराणिक इतिहास की काफ़ी अधिक घटनाएं इस क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। यह राज्य प्राकृतिकसांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक रूप से काफी महत्व रखता है। कला संस्कृति के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ राज्य का कोई जवाब नहीं। दूर दूर से पर्यटक यहां के वन्यजीव पहाड़ियों, अभयारण्य एवं जलप्रपातों तथा प्राचीन मंदिरों को देखने के लिए आया करते हैं। इस लेख में हम आज आपको छत्तीसगढ़ राज्य के खूबसूरत इंद्रावती वन्यजीव राष्ट्रीय अभयारण्य के बारे में बताने जा रहे हैं, आइए जानते है कि यह अभयारण्य आपको किस प्रकार से आनंदित कर सकता है।

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यानका इतिहास : इंद्रावती छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। जिसका नाम निकटतम स्थित इंद्रावती नदी के नाम के कारण पडा हुआ है। यह धरती पर पाने जाने वाली दुर्लभ जंगली भैंस की आखिरी आबादी में से भी एक है। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य की एक बेहतरीन एवं सबसे विख्यात ( प्रसिद्ध ) वन्यजीव उद्यान हैं। 

यह छत्तीसगढ़ राज्य की उदांति सीतानदी के साथ दो परियोजना बाघ स्थलों में से भी एक है, इंद्रावती नैशनल पार्क छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में स्थित है। साथ ही यह पार्क इंद्रावती नदी से अपना नाम प्राप्त करती है, जो पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर बहती है, एवं महाराष्ट्र के साथ आरक्षित की उत्तरी सीमा बनाती है। लगभग 2799.08 वर्ग km. के कुल क्षेत्रफल के साथ ही, सन 1981 में इंद्रावती ने राष्ट्रीय उद्यान की एवं सन 1983 में भारत के प्रसिद्ध टाइगर प्रोजेक्ट के तहत बाघ रिजर्व को भारत की एक सबसे विख्यात बाघ भंडार में से एक बनाने के लिए प्राप्त किया। यह पार्क अपनी अनूठी एवं विविध वन्यजीव तथा पक्षी प्रजातियों के लिए विख्यात है, जिनमे से कुछ लुप्त होने की कगार पर है, प्रजातियों जैसे पहाड़ी पक्षी एवं जंगली भैंस भी शामिल हैं।


प्रमुख वनस्पतियां : साल, बांस, सागौनसलाई, हल्दू, महुआ, तेंदू, सेमल, बेर, सिरस, जामुन, धौराण, बीजा, चार, सेमल, कर्रा, कुल्लू, शीशमअर्जुन, बेल, पलास, रोहन, बहेरा, मुंडी आदि।

प्रमुख जीव - जन्तु : स्तनधारी बाघ, चीतल, जंगली भैंसा, बार्किंग हिरण, बरसिंघा, नीलगाय, गौर, तेंदुआ, स्लोथ भालू, सांभर, चौसिंगा, ढोले, जंगली सुअर, धारीदार हाइना, उड़न गिलहरी, लंगूर, साही, पैंगोलिन, बंदर आदि।

सरीसृप : मॉनिटर छिपकली, मगरमच्छआम क्रेट, भारतीय गिरगिट, इंडियन रॉक पायथन, रसेल के वाइपर कोबरा आदि।

पक्षी : हिल मैना, चित्तीदार उल्लू, मोर, रैकेट-पूंछ वाले ड्रोंगो, तोते, टेटर, स्टेपी ईगल्स, रेड स्पर फॉल, फाटक आदि।

 
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