पंजाब सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल है, जो अपनी जातीय परंपरा के लिए अत्यधिक प्रशंसित है। मेसोपोटामिया, ग्रीस, मिस्र के निशान भी पाए गए हैं। पंजाबी नर्तकियों और संगीतकारों की वाक्पटुता अजेय रहती है। भांगड़ा एक प्रदर्शन नृत्य और संगीत है जिसने पंजाबियों को दुनिया भर में प्रसिद्धि दी। मुगलई `खाना` गैर-पंजाबियों के लिए भी स्टेपल बन गए हैं। पगड़ी लपेटने की डोगरा-पहाड़ी शैली पंजाबियों के स्टाउट और दृढ़ता को सुशोभित करती है, उनकी उत्कृष्ट मार्शल तकनीकों को इंगित करती है जो उन्होंने आत्मसात की है। मस्जिदों, मंदिरों, `गुरुद्वारों`, पंजाबी के बड़े पैमाने पर धार्मिक धार्मिक प्रदर्शन नहीं; वे अद्भुत वास्तु चमत्कार के उदाहरण हैं।
पंजाब का इतिहास
प्राचीन काल में पंजाब भारत और ईरान का हिस्सा हुआ करता था। पंजाब में मौर्य, बैक्ट्रियन, यूनानी, शक, कुषाण, गुप्त जैसे अनेकों राजवंशों ने शासन किया था। मध्यकाल के दौरान पंजाब मुस्लिम शासकों के अधीन रहा। प्राचीन पंजाब पर सबसे पहले गज़नवी, ग़ोरी, ग़ुलाम वंश, ख़िलजी वंश, तुग़लक, लोदी और मुग़ल वंश के शासकों ने शासन किया था। सन 1849 में अंग्रेजों और सिखों के बीच दो निष्फल युद्धों के बाद पंजाब ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वर्ष 1947 में भारत के विभाजन के समय पंजाब पर सबसे ज्यादा असर हुआ। सबसे ज्यादा विनाश और नुकसान उत्तर भारत के इस राज्य को ही हुआ। पूर्वी पंजाब की आठ रियासतों को मिलाकर नया राज्य ‘पेप्सू’ बनाया गया और ‘पूर्वी पंजाब राज्य संघ, पटियाला’ का निर्माण करके पटियाला को इसकी राजधानी बनाया गया, लेकिन बाद में साल 1956 में ‘पेप्सू’ को पंजाब में मिला दिया गया। इस प्रकार 01 नवम्बर, 1956 को आधिकारिक रूप से पंजाब राज्य की स्थापना हुई थी।
पंजाब का भूगोल
पंजाब देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। राज्य के अक्षांशीय और लंबवत विस्तार क्रमशः 29.30 डिग्री उत्तर से 32.32 डिग्री उत्तर, और 73.55 डिग्री पूर्व से 76.50 डिग्री पूर्व है। राज्य का ज्यादातर क्षेत्र जलोढ़ और उपजाउ मैदानी भाग है। पंजाब पाँच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। ये पांच नदियां सतलज, रावी, ब्यास, चिनाब और झेलम हैं। इस प्रांत का दक्षिण-पश्चिम भाग अर्द्ध शुष्क है और राज्य के आखिर में जाकर थार रेगिस्तान में मिलता है। पंजाब का राजकीय पक्षी 'उत्तरी बाज' है। पंजाब का राजकीय पेड 'शीशम' है। पंजाब का राजकीय पशु 'कृष्णमृग' है।
पंजाब की जलवायु
राज्य की जलवायु अंतर्देशीय उपोष्ण कटिबंधीय अवस्थिति के कारण अर्द्ध शुष्क से अर्द्ध नम के बीच विविधतापूर्ण है। गर्मी का मौसम बेहद गर्म होता है और जून में औसत तापमान 34° से. से 45° से. तक पहुँच जाता है। यहाँ शीत ऋतु में सर्दी भी काफ़ी पड़ती है। जनवरी में औसत तापमान 13° से. होता है और कभी-2 जीरो डिग्री तक भी चला जाता है। राज्य में मॉनसून का मौसम जुलाई से सितम्बर के बीच होता है। पंजाब में अधिकतम वार्षिक वर्षा 356 मिमी. से 1,245 मिमी. तक होती है।
पंजाब की अर्थव्यवस्था
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के अनुसार, पंजाब राज्य में संचयी FDI प्रवाह अक्टूबर 2019 और मार्च 2021 के बीच 741.23 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। फरवरी 2021 तक, पंजाब में 14,376.29 मेगावाट की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता थी, जिसमें से 4,214.54 मेगावाट केंद्रीय क्षेत्र, राज्य उपयोगिताओं (3,281.20 मेगावाट), और निजी क्षेत्र (6,880.55 मेगावाट) के अधीन थी। कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में से 8,765.51 मेगावाट थर्मल पावर द्वारा, 3,809.12 मेगावाट जलविद्युत द्वारा और 1,604.85 मेगावाट अक्षय ऊर्जा द्वारा योगदान दिया गया था।
पंजाब की कृषि व्यवस्था
सन 1860 ई. में ब्रिटिश शासन के दौरान कृषि विभाग, पंजाब का गठन बहुत पहले किया गया था। अपने भरपूर जल स्रोतों और उपजाउ मिट्टी के कारण पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ की भूमि बहुत ही उपजाऊ है। यहाँ गेंहू और चावल की फ़सल मुख्य रूप से होती है्। गेहूँ और चावल की खेती लगभग तीन-चौथाई कृषि क्षेत्र में होती है। अन्य वाणिज्यिक फसलों में कपास, गन्ना, आलू, मक्का, मूंगफली, चना, बाजरा, दलहन और तिलहन हैं। पिछले दो से तीन दशकों में पंजाब ने गेहूँ का 40 से 50 प्रतिशत अधिक उत्पादन करके ‘देश की खाद्य टोकरी’ और ‘भारत का अनाज भंडार’ होने का ख़िताब ले लिया है। पंजाब का विश्व के कुल उत्पादन में, 1% चावल, 2% गेहूँ और कपास में 2% का योगदान है। राज्य में धीरे-धीरे बागबानी, फूलों की खेती, मुर्गीपालन और डेयरी उद्योगों का भी विकास हो रहा है। आनंदपुर साहब में विश्व की सबसे बड़ी अनाज मंडी है।
पंजाब की शिक्षा
पंजाब की वर्तमान साक्षरता दर 77%त है। राज्य में 6 से 11 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य है।
पंजाब के खनिज पदार्थ व उद्योग
पंजाब दूसरा सबसे बड़ा प्रांत (क्षेत्रफल के अनुसार) है और इसमें कोयला, नमक, लौह अयस्क, चूना पत्थर, जिप्सम, और अग्नि मिट्टी आदि क्षेत्रों में विशाल खनिज क्षमता है।
पंजाब की जनसंख्या
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब की जनसंख्या 2,77,43,338 है। राज्य की कुल आबादी का करीब 20% हिस्सा देश के दूसरे हिस्सों से आकर पंजाब में बसा है।राज्य में सिख आबादी कुल जनसंख्या के 60% से भी ज्यादा है। राज्य की आबादी में शामिल कुछ अन्य समुदायों में हिंदू, जैन, मुस्लिम, ईसाई और अन्य हैं। राज्य के सिख समुदाय का अभिन्न अंग जाट सिख हैं।
पंजाब का पहनावा व नृत्य
जाबी पुरुषों के लिए पारंपरिक पोशाक 'पंजाबी कुर्ता' और 'तहमत' है, विशेष रूप से लोकप्रिय मुक्तसारी शैली, जिसे आधुनिक पंजाब में कुर्ता और पायजामा द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है। महिलाओं के लिए पारंपरिक पोशाक पंजाबी सलवार सूट है जिसने पारंपरिक पंजाबी घाघरा को बदल दिया है।
पंजाब की संस्कृति
पंजाब प्रांत की संस्कृति विविध है। राज्य की संस्कृति में पुरातन सभ्यता की बहुआयामी विरासत साफ झलकती है। भांगड़ा, झूमर और सम्मी यहाँ के लोकप्रिय नृत्य हैं। पंजाब की स्थानीय नृत्य शैली गिद्दा, महिलाओं की विनोदपूर्ण गीत-नृत्य शैली है। सिक्खों के धार्मिक संगीत के साथ-साथ उपशास्त्रीय मुग़ल शैली भी लोकप्रिय है, जैसे खयाल, ठुमरी, गजल और कव्वाली।
पंजाबी पुरुषों के लिए पारंपरिक पोशाक 'पंजाबी कुर्ता' और 'तहमत' है, विशेष रूप से लोकप्रिय मुक्तसारी शैली, जिसे आधुनिक पंजाब में कुर्ता और पायजामा द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है। महिलाओं के लिए पारंपरिक पोशाक पंजाबी सलवार सूट है जिसने पारंपरिक पंजाबी घाघरा को बदल दिया है।
पंजाब में प्रचलित भाषाएँ
पंजाब की राजभाषा पंजाबी है। पंजाबी भाषा से कई बोलियां जुड़ी हैं। भारतीय पंजाब के लगभग 25% लोग हिन्दी बोलती है, विशेष तौर पर हरियाणा और राजस्थान से सटे इलाकों में। पंजाबी में बोली जाने वाली कुछ खास बोलियों में माझी, पुआधी, मालवी और दोआबी शामिल हैं। राज्य की सबसे प्रमुख बोली माझी है। अपनी पहली भाषा के तौर पर पंजाबी बोलने वाले लोगों में 93% से ज्यादा भारत और पाकिस्तान में रहते हैं।
पंजाब का स्वादिष्ट भोजन
पंजाब के मुख्य खानों में मक्खन से बनी चीजें, सब्जी भाजी और मटन के व्यंजन काफी प्रसिद्ध हैं। यहाँ के प्रमुख व्यंजनो में सरसों का साग, मक्के की रोटी, राजमा- चावल, तंदूरी मुर्ग़ा, दाल मखनी और छोले भटूरे आदि भी शामिल है।
पंजाब के प्रसिद्ध त्यौहार
राज्य के त्यौहारों की कुछ खास बातों में इनके मशहूर नृत्य रुप, मजेदार लोककथाएं और भड़कीले कपड़े आदि शामिल हैं। पंजाब में भारतीय त्यौहारों में दशहरा, दीपावली, और विभिन्न गुरुओं तथा संतों की वर्षगांठ-मनाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त पंजाब के कई त्योहार- तीज, लोहड़ी, बसंत और बैसाखी, कुछ नाम हैं- ऐसे उत्सव हैं जो खेती के लोकाचार को दर्शाते हैं। दरअसल, पंजाब का पारंपरिक नृत्य भांगड़ा घूमता है
पंजाब की जंजातियाँ
पंजाबी लोग, दक्षिण एशिया में पंजाब क्षेत्र से जुड़े एक इंडो-आर्यन नृवंशविज्ञान समूह हैं, विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में वर्तमान में पाकिस्तानी पंजाब और भारतीय पंजाब के बीच विभाजित हैं। वे पंजाबी बोलते हैं, जो इंडो-आर्यन भाषा परिवार की एक भाषा है। पंजाब शब्द का अर्थ फारसी से पांच जल है: पंज ("पांच") और आब ("जल")। इस क्षेत्र का नाम भारतीय उपमहाद्वीप के तुर्क-फारसी विजेताओं द्वारा पेश किया गया था।
पंजाब के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
भारत के उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित, यह देश के समृद्ध राज्यों में से एक है, और एक जीवंत, मेहमाननवाज और गतिशील लोगों का घर है। व्यापक रूप से सभ्यता के पालने के रूप में स्वीकार किया जाता है, यह जातीय और धार्मिक विविधता की भूमि है, जिसने कई धार्मिक आंदोलनों को जन्म दिया और आकार दिया। नीचे पंजाब के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों की सूची दी गई है:-
· अमृतसर का स्वर्णमंदिर
· दुर्गियाना मंदिर
· जलियाँवाला बाग़
· स्टील सिटी- गोविन्दगढ़ में
· आनंदपुर साहब में तख़्त श्री केशगढ़ साहिब
· खालसा सांस्कृतिक परिसर
· भाखड़ा-नांगल बांध
· पटियाला में क़िला अंदरून
· मोतीबाग़ राजमहल
· हरिके पट्टन में आर्द्र भूमि
· पुरातात्विक महत्त्व का संगोल और छतवीर चिडियाघर
· आम ख़ास बाग़ में मुग़लकालीन स्मारक परिसर
· सरहिंद में अफ़ग़ान शासकों की क़ब्रें
· शेख़ अहमद का रोज़ा शरीफ
· जालंधर में सोदाल मंदिर और महर्षि वाल्मीकि का स्मारक
पंजाब के जिले
पंजाब में कुल 22 ज़िले है, जनसँख्या के आधार पर लुधियाना राज्य का सबसे बड़ा है जबकि क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा जिला फ़िरोज़पुर है। पंजाब में निम्नलिखित 22 जिले हैं:-
अमृतसर, कपूरथला, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, पटियाला, पठानकोट, फ़ज़िलका, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, बरनाला, मनसा, मुक्तसर, मोगा, रूपनगर, लुधियाना, शहीद भगत सिंह नगर, संगरूर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर और होशियारपुर।