संदूक ताकने से अच्छा है बंदूक उठा लो
Date : 06-Jan-2025
भगवा पहन लिया, जोर जोर से जय श्री राम के नारे लगा, सेल्फियां लेकर सोशल मीडिया पर लाइक हासिल करने से आपकी रक्षा नहीं होगी।
हिंदुओं ने सोचा विदेश में जायेंगे तो खुश रहेंगे।
सच्चाई ये है कि वहां भी पिट रहे हैं क्योंकि हिंदुओं ने प्रकृति का नियम नहीं समझा।
यह प्रकृति कोई बगीचा नहीं है कि पैसा कमाओगे, आलीशान घर बनाओगे और चैन की नींद सो सकोगे।
यह प्रकृति एक जंगल है जिसमें जंगली लुटेरे, चोर, डाकू चौबीसों घंटे, 365 दिन सभ्य लोगों को लूटने का प्रयास करते रहते है।
हिंदुओं ने सब कुछ बनाया, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए कभी हथियार नहीं खरीदे।
अगर हथियार खरीद लिए होते तो न अफगानिस्तान से, न पाकिस्तान से, न बांग्लादेश से, न कश्मीर से और अब ना UK से।
सोचिए- जहां आप जाने का सपना रखते हैं UK उस देश में भी आप सुरक्षित नहीं हैं। क्या करेंगे ऐसे बंगले का जिसे एक दिन जेहादी लूट ही लेंगे।
शांतिदूत ने 57 देशों पर यूं ही राज कायम नहीं किया, उनके कांसेप्ट बिलकुल क्लियर है।
वे इस दुनिया को जंगल समझते है और इस जंगल में वही राजा होगा जो दूसरों का शिकार करना जानता है।
जब तक तुम शिकार करना नहीं सीखोगे तब तक कोई और तुम्हारा शिकार करता रहेगा।
इसीलिए पूरे विश्व के हिंदुओं से यह आग्रह है कि सबसे पहले हथियार खरीदिए।
उसके बाद गाड़ी, बंगला, बैंक बैलेंस सब कुछ वरना जेहादी जो आज झोंपड़ी में रह रहा है वो उसके हथियार का प्रयोग करके आपसे वो सब कुछ छीन लेगा, जिसके लिए आपने जीवन भर तपस्या की है।
सबसे पहले हथियार खरीदो, कल से जिन 5 मंदिरों में जाओगे, वहां पर देवी देवताओं की मूर्ति का अच्छे से अवलोकन करोगे। उनके हाथ में क्या है ये गौर करोगे आपको हथियार दिखेगा ये मेरा दावा है। ये सिग्नल है, ये संदेश है।
जब कोई जेहादी आपको मार देगा और आप भगवान के पास जाकर बोलोगे कि भगवान आपने हमारी रक्षा क्यों नहीं की। तब भगवान बोलेंगे, जिस मंदिर में तुम जाते थे वहां पर मेरे हाथ में शस्त्र था।
तुमने उसको देखा ही नहीं । मैं तो संदेश दे रहा था, शस्त्र खरीद लेकिन तुमने उस संदेश को समझा ही नहीं, ये तेरी गलती है।
क्या तुमने कभी सोचा है कि अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश क्यों है।
क्यों दुनिया के सारे देश मिलकर भी अमेरिका पर कब्जा नहीं कर सकते?
वह इसीलिए क्योंकि वहां प्रत्येक नागरिक के पास बंदूक है, हिटलर ने कहा था अगर आप किसी देश पर कब्जा करना चाहते हो तो सबसे पहले उसके नागरिकों से हथियार छीन लो।
शरिया भी यही कहता है शरिया के अनुसार किसी भी गैर मुस्लिम को अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रखने की इजाजत नहीं है।
ये सब संदेश हैं ये सब सिग्नल हैं। सभी तुम्हें इशारा कर रहे हैं इस संदेश को समझो।
भाईचारे और आदर्शवाद के संदेश बातों में ही अच्छे लगते हैं।
वास्तविकता में नहीं, आज जो आपसे हंस के बात कर रहा है हो सकता है वही कल आपका काम लगा दे।
जेहादियों का पहला ध्यान हथियार खरीदने में ही रहता है उसका पहला इन्वेस्टमेंट हथियार होता है।
वो गाड़ी, बंगले में ध्यान देता ही नहीं, वो जानता है कि जिस दिन वो सामने वाले की कनपटी पर बंदूक रखेगा, सामने वाला हंसते हंसते जर, जोरू, जमीन, उसकी झोली में डालेगा।
यही प्रकृति का नियम है ताकतवर बनो, हथियार खरीदो और जरूरत पड़ने पर हथियार चलाकर देशद्रोहियों, राक्षसों का वध करो।
केवल दुर्गा माता और काली माता की आराधना करने से क्या होगा।
उसका १०% भी अपने आचरण में उतार लिया तो जीवन बच सकता है, इसलिए किन्तु परन्तु छोड़कर आत्मरक्षा के लिए शस्त्र खरीदो।
केवल गर्व से कहो हम हिन्दू हैं कहने से काम नहीं चलेगा। तिलक, जनेऊ के साथ शस्त्र भी धारण करो।
तिलक और बिंदी तभी तक सुरक्षित है,जब तक तुम्हारे पास शस्त्र है। इसलिए हे आर्य पुत्रों सबसे पहले शस्त्र खरीदो जिससे अपने देश, घर परिवार की इज्जत, धर्म और अपने आत्मसम्मान की रक्षा कर सको !
!!धर्मो रक्षति रक्षितः!!
लेखक - गोपाल चन्द्र मुखोंपाध्याय