30 दिसम्बर : सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लेखक और पत्रकार के एम मुंशी का जन्म
Date : 30-Dec-2024
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में कुछ ऐसी दूरदर्शी विभूतियाँ रहीं हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिये सार्वजनिक संघर्ष किया, अनेक बार जेल गये और इसके साथ ही सांस्कृतिक मूल्यों की पुर्नप्रतिष्ठा का अभियान भी चलाया । ऐसे ही महान स्वाधीनता सेनानी थे श्री के एम मुंशी ।
वे स्वतंत्रता के बाद भारत के उसी साँस्कृतिक स्वरूप की कल्पना करते थे जो अतीत में रहा है । इसीलिए स्वतंत्रता आँदोलन के साथ वे भाषा, साहित्य और साँस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहे । इसी दिशा में उनका लेखन रहा । उन्होंने हिन्दी, अंग्रेजी और गुजराती तीन भाषाओं में अपने साहित्य की रचना की । वे राष्ट्र और समाज की उन्नति के लिये शक्ति और शास्त्र दोनों के समर्थक थे । इसीलिए उन्होंने भगवान परशुराम जी पर एक उपन्यास लिखा और अन्य साहित्य की रचना भी की । उनके रचना संसार में गुजरातनो नाथ, पाटणनी प्रभुता, पृथिवीवल्लभ, कृष्णावतार (सात खंडों में), राजाधिराज,जय सोमनाथ, भगवान कौटिल्य, भग्न पादुका, लोपामुद्रा, लोमहर्षिणी, भगवान परशुराम, वेरनी वसुलात, कोनो वांक, स्वप्नद्रष्टा, तपस्विनी, अडधे रस्ते, सीधां चढाण, स्वप्नसिद्धिनी शोधमां, पुरन्दर पराजय, अविभक्त आत्मा तर्पण, पुत्र समोवडी, वावा शेठनुं स्वातंत्र्य, बे खराब जण, आज्ञांकित, ध्रुवसंवामिनीदेवी, स्नेहसंभ्रम, डॉ॰ मधुरिका, काकानी शशी, छीए ते ज ठीक,ब्रह्मचर्याश्रम, मारी बिनजवाबदार कहाणी और गुजरातनी कीर्ति गाथा प्रमुख हैं।