चाणक्य नीति:- प्रिय वस्तुएं ! | The Voice TV

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सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

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चाणक्य नीति:- प्रिय वस्तुएं !

Date : 22-Jan-2025

नास्ति मेघसमं तोयं नास्ति चात्मसमं बलम |

नास्ति चक्षुसमं तेजो नास्ति चान्नसमं प्रियम ||

यहां आचार्य सबसे प्रिय वस्तु की चर्चा करते हुए कहते हैं कि बादल के समान कोई जल नहीं होता | अपने बल के समान कोई बल नहीं होता | आँखों  के समान कोई ज्योति नहीं होती और अन्न के समान कोई प्रिय वस्तु नहीं होती |

अर्थात् बादल का जल ही सबसे अधिक उपयोगी होता है | अपना बल ही सबसे बड़ा बल होता है, इसके बराबर अन्य किसी भी बल का भरोसा नहीं किया जा सकता | आँखों की रौशनी ही सबसे बड़ी रौशनी है तथा भोजन प्रत्येक प्राणी की सबसे अधिक प्रिय वस्तु है |

 
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