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बुनियादी ढांचे, सूचना और नवाचार के बिना आज के युग में जीवन कठिन : धनखड़

Date : 10-Nov-2022

 - उपराष्ट्रपति ने दिल्ली विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का किया उद्घाटन

नई दिल्ली, 10 नवंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि बुनियादी ढांचे, सूचना और नवाचार के बिना आज के युग में जीवन कठिन है। इंफ्रास्ट्रक्चर आसान है, लेकिन इनोवेशन मुश्किल है। धनखड़ गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में ‘नए भारत के निर्माण के लिए आधारभूत संरचना, सूचना और नवाचार’ पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस सम्मेलन में बुनियादी ढांचे, सूचना और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को कवर किया जाएगा, क्योंकि इन तीनों के बिना आज के युग में काम चलना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि आज भारत पहले से कहीं ज्यादा तेज गति से उभर रहा है। आज भारत को वह स्थान मिल रहा है, जो सदियों पहले था। विश्व में भारतीयता और भारतीयों का सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकास कर रहा है। जिन चीजों की कभी कल्पना भी नहीं की गई थी, वे आज हकीकत बन रही हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने तब भी मजबूती दिखाई, जब कोविड महामारी के दौरान लंदन और यूरोप सहित कई देशों में स्वास्थ्य ढांचा विफल हो गया था। देश की 200 करोड़ आबादी का टीकाकरण करना कोई आसान काम नहीं था, जिसे भारत सरकार ने साकार किया है।

उन्होंने मोदी के नेतृत्व में तकनीकी विकास का जिक्र करते हुए कहा कि पहले लोग बिल जमा करने से लेकर अनेकों सेवाओं के लिए घंटों लंबी कतारों में खड़े रहकर समय बर्बाद करते थे, लेकिन सरकार की दूरगामी सोच के साथ डिजिटल इंडिया पहल ने सभी ऐसी सेवाओं को डिजिटल करके सुगम बना दिया है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा हर चीज का मूल है, लेकिन कभी-कभी यह दिखाई नहीं देता है। इसे देश में तकनीकी रूप से मजबूत किया गया है। आज वंदे भारत ट्रेनों ने यात्रा के समय को बहुत कम कर दिया है।

उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का जिक्र करते हुए कहा कि 34 साल बाद यह क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। शिक्षा नीति के निर्माण में सभी हितधारकों से इनपुट लिया गया है। इस नीति में पहली बार भारतीयता को समझा गया है। इस नीति के तहत मातृभाषा पर जोर देकर देश की प्रतिभाओं को चमकने का मौका दिया गया है।

धनखड़ ने कहा कि आज दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में भारतीय लोग ऊंचे पदों पर आसीन हैं. भारत के सभी प्रतिभाशाली लड़के और लड़कियां कमाल कर रहे हैं। अब समय आ गया है जब युवाओं को प्रामाणिक राय बनाने वाला बनना होगा। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव काल में आत्मनिर्भर भारत एक नई अवधारणा के रूप में उभरा है।

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय को 100 वर्ष पूरे करने पर बधाई देते हुए कहा कि अब उच्च मानक स्थापित करने की आवश्यकता है।

इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन गांधी भवन, दिल्ली विश्वविद्यालय, गांधी स्मृति और दर्शन समिति और दिल्ली पुस्तकालय संघ और एस.आर.एफ.एल.आई.एस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में गांधी स्मृति व दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की।

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील

 
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