हैदराबाद, 10 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल यानी शुक्रवार से दक्षिणी राज्यों- तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे एवं विकास योजनाओं की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी तेलंगाना के रामागुंडम में रामागुंडम केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (आरएफसीएल) संयंत्र का दौरा करेंगे और वहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की 12 नवंबर को रामागुंडम की प्रस्तावित यात्रा से पहले ही उनके दौरे का विरोध तेज हो गया है। सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कुछ मंत्री, विधायक और पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहर में कई स्थानों पर नरेन्द्र मोदी के दौरे के विरोध में बैनर और होर्डिंग लगाए और गो-बैक के नारे लगाए।
तेलंगाना से संबंधित लंबित मुद्दों पर अपने रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कुछ नागरिक, संगठनों, बौद्धिक मंचों और 64 विख्यात लोगों ने प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखा। मीडिया को भेजे प्रेस नोट में विभिन्न राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों और 30 बुद्धिजीवियों ने एक साथ खुला पत्र लिखा और मोदी के समक्ष आठ मांगें रखीं, जिसमें आंध्र प्रदेश में पुनर्गठन अधिनियम के लंबित मुद्दों को हल करना भी शामिल है।
पत्र में कहा गया है कि काजीपेट में रेलवे कोच फैक्टरी, एक आदिवासी विश्वविद्यालय, बयाराम में, एक स्टील प्लांट और राज्य में अपनी इकाइयों की स्थापना करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन सहित विभाजन के समय कि किसी भी वाले को पूरा नहीं किया गया।
यह भी सवाल पूछा गया है कि राज्य में किसी भी नए राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान मेडिकल कॉलेज और यहां तक कि नवोदय विद्यालय आवंटित नहीं किए गए हैं। उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार को सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना के अलावा राज्य में किसी तरह के आईटी पैकेज को मंजूरी देनी चाहिए।
तेलंगाना राज्य को लंबे आंदोलन से प्राप्त करने के उनके योगदान को याद करते हुए बुद्धिजीवियों ने मांग की है कि वे केंद्र सरकार के बिना किसी भेदभाव के राज्य में उत्पादित धान की खरीदें। संवैधानिक संस्थाओं और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री से देश की विविध और बहु सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तुरंत उपाय आरंभ करने की भी मांग की।
इस बीच राज्य की कुछ ट्रेड यूनियनों ने शनिवार, 12 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तेलंगाना यात्रा के बहिष्कार की घोषणा की। एआईटीयूसी, सीआईटीयू, आईएनटीयूसी और अन्य यूनियनों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बहिष्कार की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने पहले ही घोषणा कर दी है कि मोदी की तेलंगाना यात्रा का विरोध किया जाएगा। अब ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार देश की सभी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण कर रही है। मोदी सरकार द्वारा सिंगरेणी के निजीकरण की कोशिश की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/नागराज
