भोपाल, 15 नवंबर (हि.स.)। बिरसा मुंडा की जयंती आज पूरे देश-प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जा रही है। राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू पहली बार मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। मंगलवार को वे बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। इस दौरान राष्ट्रपति प्रदेश में औपचारिक रूप से पेसा एक्ट लागू करेंगी। मुख्य कार्यक्रम लालपुर हवाई पट्टी पर होगा।
शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पेसा एक्ट (पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) लागू करेंगी। इसकी मदद से अनुसूचित क्षेत्रों की ग्राम सभाओं को अधिकार देकर आदिवासियों को शक्तिशाली बनाया जाएगा।
पेसा एक्ट की मुख्य बातें
इस एक्ट में मुख्यत: जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों को सशक्त बनाया गया है। इतिहास में पहली बार पेसा एक्ट के माध्यम से आदिवासियों को अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि प्रबंधन का अधिकार दिया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम सभा को भूमि प्रबंधन अध्याय 4 पैरा 16 में भूमि प्रबंधन के अधिकार दिए जा रहे हैं। फिलहाल अनुसूचित क्षेत्र में स्थित छोटे तालाब, झील, नदियां आदि वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन पेसा एक्ट लागू होने के बाद जनजातीय क्षेत्रों की ग्राम सभाओं को जल प्रबंधन के अधिकार मिल जाएंगे। इस एक्ट में अनुसूचित क्षेत्रों में वन प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभाओं को दिये जा रहे हैं। अब ग्राम सभाएं गौण खनिज, गौण वनोपज सहित संपूर्ण वनों के प्रबंधन का काम करेंगी। जनजातीय महिला समूह गौण खनिज के टेंडर ले सकेंगे।
पलायन को रोकेंगी ग्राम सभाएं
पेसा एक्ट के लागू होने के बाद ग्राम सभाएं आदिवासी क्षेत्र की लेबर का रोस्टर बनाएगी। कितने ऐसे लोग हैं, जिन्हें रोजगार की जरूरत है, ग्राम सभाएं साल भर की माइक्रो प्लानिंग कर सकेंगी। मनरेगा के मॉडल रोस्टर में कई नाम गड़बड़ होते हैं, उन्हें ग्राम सभा सुधार सकेंगी। जो लोग बाहर मजदूरी करने जाते हैं, उनकी सूची बनाई जाएगी। किस आदिवासी को कौन सा ठेकेदार कहां ले जा रहा है, कितनी मजदूरी दी जा रही है, यदि कोई श्रमिक शिकायत करता है, तो ग्राम सभा की सूचना पर प्रशासन कार्रवाई करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे/मयंक चतुर्वेदी