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पाकिस्तानी अखबारों सेः सेनाध्यक्ष नियुक्ति की हलचल और शहबाज का कोरोना पाजिटिव होना रहा सुर्खियों में

Date : 16-Nov-2022

- इमरान को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, कराची रक्षा प्रदर्शनी और अफगानिस्तान में शरई कानून को भी महत्व

नई दिल्ली, 16 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान से बुधवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने नए सेना अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही राजनीतिक हलचल से संबंधित खबरों को ही प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इस हवाले से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि सेना अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कोई फेवरेट नहीं है।

उन्होंने कहा है कि फौज के भेजे गए नामों पर 18 या 19 नवंबर को सलाह ली जाएगी। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का कहना है कि सेनाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर गैरजरूरी राजनीति की जा रही है। इमरान की सारी सियासत एक नियुक्ति के इर्दगिर्द घूमती है। सड़कों पर राजनीतिक तमाशा चल रहा है। अखबारों ने इसको लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का भी एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सेनाध्यक्ष की नियुक्ति मेरिट के हिसाब से होनी चाहिए। शहबाज अपने मनचाहे को लाकर अपने आपको क्लीन चिट दिलवाना चाहते हैं।

अखबारों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को तीसरी बार कोरोना होने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने बताया है कि उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अखबारों ने चुनाव आयोग की अवमानना के केस में सुप्रीम कोर्ट के जरिए इमरान खान और अन्य को नोटिस भेजे जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने डेरा इस्माइल खान में सेना की कार्रवाई में चार आतंकवादियों के मारे जाने की खबरें भी दी हैं। बड़ी संख्या में गोला-बारूद और असलहा भी बरामद हुआ है।

अखबारों ने कराची में अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी शुरू होने की खबरें देते हुए बताया है कि 64 देश इस प्रदर्शनी में अपने उत्पादों का प्रदर्शन रहे हैं। अखबारों ने आईएमएफ की एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है।

अखबारों ने चमन फायरिंग मामले में पाकिस्तान के एक सैनिक के मारे जाने पर अफगानिस्तान की तरफ से दुख व्यक्त किए जाने और मुजरिम को पकड़ने के लिए जरगा बनाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने तालिबान सरकार के अमीर की तरफ से अफगानिस्तान में शरई कानून लागू किए जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने बताया है कि शरई कानून को सख्ती से लागू किए जाने का हुक्म दिया गया है।

अखबारों ने भारत से आए सिख यात्रियों के पाकिस्तान के गुरुद्वारों का दर्शन करने के बाद सकुशल वापस जाने की खबरें भी दी हैं। ये सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि के पहले पन्ने पर प्रकाशित हुई हैं।

रोजनामा नवाएवक्त ने भारतीय राज्य असम में उल्फा आतंकवादियों द्वारा सेना के काफिले पर घात लगाकर धावा बोलने की खबर दी है। अखबार ने लिखा है कि इसके परिणाम स्वरूप सेना के जवान मिलिट्री ऑपरेशन को अधूरा छोड़ कर चले गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अंधाधुंध गोलियां बरसाई गई हैं। अचानक होने वाले इस हमले से भारतीय फौज के जवानों ने गाड़ियों से उतर कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। उल्फा के प्रवक्ता ने दावा किया है कि इस कार्रवाई में भारतीय फौज की बुलेट प्रूफ गाड़ी को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया और गाड़ी से उतरकर भागने वाले कई सैनिक घायल भी हुए हैं। सेना ने उल्फ़ा के दावे को खारिज किया है और कहा है कि हमले को नाकाम बना दिया गया है।

रोजनामा खबरें में कश्मीर समस्या को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाने को लेकर मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की कड़ी आलोचना किए जाने की खबर छपी है। अखबार ने बताया है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कश्मीर समस्या को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने को एक बड़ी ऐतिहासिक गलती बताया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ एम ओवैस/दधिबल

 
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