कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में भाजपा ने एफआईआर पर उठाए सवाल, स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की | The Voice TV

Quote :

सपनों को हकीकत में बदलने से पहले, सपनों को देखना ज़रूरी है – डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

National

कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में भाजपा ने एफआईआर पर उठाए सवाल, स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की

Date : 08-Jul-2025

नई दिल्ली, 8 जुलाई। कोलकाता लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट में घटना की स्वतंत्र रूप से न्यायिक जांच की मांग की है। भाजपा के तथ्यान्वेषी समिति के सदस्यों ने मामले में दर्ज एफआईआर के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।

भाजपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में तथ्यान्वेषी समिति के सदस्य सत्यपाल सिंह ने कहा कि 25 जून को कलकत्ता के लॉ कॉलेज में सामूहिक दुष्कर्म हुआ। ये घटना इतनी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखदायक थी कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस घटना को जानकर बहुत क्षुब्ध और चिंतित हुए। उन्होंने संदेश दिया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का शासन नहीं है, लेकिन वहां की हर बेटी और बहन हमारी जिम्मेदारी है और उनका सम्मान, उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसलिए उन्होंने चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई।

उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमारी कमेटी वहां के पुलिस ​कमिश्नर से मिली। 45 साल के पुलिस जीवन में पहली बार एक ऐसा केस ​देखा कि एफआईआर में आरोपितों के नाम मिटा दिए गए और नाम ​की जगह कहीं जे लिख दिया तो कहीं एम लिख दिया। ये तो सुप्रीम कोर्ट का डायरेक्शन है कि पीड़िता का नाम किसी को न बताया जाए लेकिन पश्चिम बंगाल में पहली बार देखा कि आरोपितों का नाम एफआईआर में नहीं लिखा गया। क्या ऐसे लोगों से हम उम्मीद कर सकते हैं कि पीड़िता को न्याय मिलेगा? उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। राज्य में महिलाओं पर अत्याचार और अपराध बढ़ रहे हैं। मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हो रही। पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर रही है। ऐसे बहुत से मामले हैं जहां न्याय नहीं मिला है।

सांसद बिप्लब देव ने कहा कि ममता सरकार बहन-बेटियों को नहीं बचा सकती, तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस कंपनी ने आरोपितों को रखा था वो एजेंसी टीएमसी नेता की है। एक विशेष संप्रदाय के लोगों के वोटबैंक को बचाने के लिए राज्य सरकार ऐसा कर रही है। मुख्यमंत्री को उस पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। सांसद मनन मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार असलियत को छुपाने का प्रयास कर रही है। हमने अपनी रिपोर्ट में केन्द्र सरकार से इस मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की है।

चार सदस्यीय इस समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह और मीनाक्षी लेखी के साथ सांसद बिप्लाब देब और मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं। यह चार सदस्यीय समिति 30 जून को कोलकाता के लिए रवाना हुई थी।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement