विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एजेंसी का प्रस्ताव | The Voice TV

Quote :

तुम खुद अपने भाग्य के निर्माता हो - स्वामी विवेकानंद

Science & Technology

विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एजेंसी का प्रस्ताव

Date : 03-Aug-2023

 हाल ही में भारत सरकार ने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत अगले 5 वर्षों में अनुसंधान के लिए 6 अरब डॉलर खर्च करने की योजना है।

अनुसंधान में इतना बड़ा निवेश एक अच्छी पहल है लेकिन इस निर्णय को लेकर वैज्ञानिकों के बीच काफी मतभेद है। समर्थकों का दावा है कि इस निर्णय से बुनियादी और व्यावहारिक विज्ञान में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। दूसरी ओर, अन्य ने इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका ज़ाहिर की है। 70 प्रतिशत फंडिंग तो निजी उद्योग से आएगा, इसलिए फंडिंग में वैसा रुझान भी दिख सकता है।

फिलहाल भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का काफी कम प्रतिशत अनुसंधान पर खर्च किया जाता है। शोध पत्रों और पेटेंट की गुणवत्ता में भी हम काफी पीछे हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए एक शक्तिशाली शोध एजेंसी की मांग की गई थी ताकि विज्ञान नीति के समन्वय और शोध फंडिंग बढ़ाने में मदद मिले।

2020 में पेश प्रारंभिक प्रस्ताव में एजेंसी का वार्षिक बजट जीडीपी का 0.1 प्रतिशत से अधिक रखने का विचार था। संस्था को राजनीतिक दबाव और नौकरशाही से बचाने के लिए प्रमुख वैज्ञानिकों के एक स्वतंत्र बोर्ड को नेतृत्व को चुनने और पूर्ण-स्वायत्तता की बात थी।

नया प्रस्ताव इस सोच से काफी अलग है। नए प्रस्ताव में प्रधानमंत्री को बोर्ड का अध्यक्ष तथा विज्ञान और शिक्षा मंत्रियों को दो अन्य शीर्ष पदों पर रखने की व्यवस्था है। साथ ही विज्ञान मंत्रालय और भारत के विज्ञान सलाहकार को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। इस सम्बंध में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का मानना है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता अनुसंधान एवं विकास के प्रति गंभीरता दर्शाता है। 

अलबत्ता, इस व्यवस्था में राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना लगती है। एक मत है कि वर्तमान सरकार ने पहले भी छद्म वैज्ञानिक विचारों को बढ़ावा दिया है। कई पूर्व अधिकारियों को आशंका है कि नौकरशाही भी नई एजेंसी के काम में बाधक बन सकती है।

नए प्रस्ताव में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) को एनआरएफ में शामिल करने की बात कही गई है। यानी फाउंडेशन को एसईआरबी की तुलना में अधिक धन प्राप्त होगा। लेकिन सरकार एनआरएफ की शुरुआती फंडिंग के लिए निजी क्षेत्र पर भरोसा कर रही है जो काफी मुश्किल है। 

फिलहाल इस विधेयक को संसद में पारित होने के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा। तब तक इस प्रस्ताव का ठीक तरह से सार्वजनिक आकलन करना मुश्किल है।

 
RELATED POST

Leave a reply
Click to reload image
Click on the image to reload










Advertisement