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मप्र के उज्जैन में भगवान महाकाल का भस्म आरती में राजा स्वरूप में श्रृंगार, शाम को निकलेगी शाही सवारी

Date : 18-Aug-2025

भोपाल, 18 अगस्त। सीएम-सिंधिया भी होंगे शामिल, छह स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे बाबा महाकाल मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्‍वर मंदिर में भादो मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर सोमवार तड़के भस्म आरती के दौरान जलाभिषेक और पंचामृत पूजन के बाद जटाधारी भगवान महाकाल को भांग, रजत चंद्र मुकुट और रुद्राक्ष की माला अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। वहीं शाम को उज्जैन में भगवान महाकाल राजसी (शाही) सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे। सात किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग में 10 ड्रोन से रजत पालकी पर पुष्पवर्षा की जाएगी।

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि सोमवार तड़के 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। पंडितों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देव प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से पंचामृत पूजन हुआ। प्रथम घंटाल बजाकर प्रवेश के बाद भगवान का ध्यान कर ‘हरिओम’ मंत्र के साथ जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग-चंदन और त्रिपुंड अर्पित कर श्रृंगार पूरा किया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। इसके बाद भगवान को शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की मालाएं अर्पित की गईं। मोगरे और गुलाब की सुगंध से वातावरण महक उठा। अंत में भगवान को फल व मिष्ठान का भोग लगाया गया। बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन का लाभ हजारो भक्तों ने लिया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

उज्जैन में आज शाम श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली छठवीं एवं अंतिम राजसी सवारी निकलेगी। इस दौरान अवंतिकानाथ नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। सवारी के दौरान भगवान महाकाल छह स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद तथा श्री सप्तधान का मुखारविंद डोल रथ पर विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी में जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि भगवान महाकाल की सावन-भाद्रपद मास की छठवीं व अंतिम सवारी आज सायं 4:00 बजे शाही अंदाज में निकाली जाएगी। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद भगवान रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि श्री चन्द्रमौलेश्वर की पालकी सायं 04 बजे महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुंचेगी, जहां भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर एवं श्री मन महेश का माँ क्षिप्रा के तट पर पूजन-अर्चन आरती के बाद शाही सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा से तेलीवाड़ा कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पर पहुचेगी। जहाँ सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहुचेगी, जहां सभामंडप में सवारी का विश्राम होगा।

शाही सवारी के चल समारोह का स्वरुप इस प्रकार रहेगा

भगवान महाकाल की प्रमुख शाही सवारी के चल समारोह में सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा, उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाएं देती हुईं चलेंगी।

भजन मंडलियों के बाद नगर के साधु-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेंगे। उनके बाद भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर की प्रमुख पालकी, भारत बैंड, गरुथ रथ पर विराजित श्री शिव-तांडव, रमेश बैंड, नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप, गणेश बैंड, रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद, आरके बैंड, रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के पश्चात राजकमल मुजिकल ग्रुप बैंड, व श्री मनमहेश स्वरुप हाथी पर विराजित होंगे। सवारी के साथ एम्बुलेन्स, विद्दयुत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड, वन विभाग आदि भी सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण सवारी मार्ग में साथ मे चलेगे, साथ ही सवारी मार्ग ओर अलग-अलग स्थानों पर भी व्यवस्था रहेगी।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की शाही सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए 04 जनजातीय कलाकारों के दल सहभागिता करेंगे। इनमें लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्‍य, भुवनेश्वर से अभिजीत दास नेतृत्व में श्रृंगारी लोक नृत्‍य, सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्‍डा लोक नृत्‍य एवं साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्‍य की प्रस्तुतियां सम्मिलित हैं। यह सभी दल शाही सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेंगे।

 
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