एक युग की चिकित्सा परंपरा और राष्ट्र सेवा की प्रेरणा का प्रतीक है केजीएमयू: मुख्यमंत्री
लखनऊ, 14 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) परिसर में 941 करोड़ की लागत से निर्मित 7 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने वॉर्ड में जाकर मरीजों का हालचाल लिया और डॉक्टरों से संवाद कर भावी स्वास्थ्य विस्तार की योजनाओं पर भी चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि एक युग की चिकित्सा परंपरा और राष्ट्र सेवा की प्रेरणा का प्रतीक है। 120 वर्ष की अपनी इस शानदार यात्रा में केजीएमयू ने अनेक मील के पत्थर गढ़े हैं। यह यात्रा सामान्य नहीं रही। इसने पिछली सदी की महामारी से लेकर कोविड-19 जैसी वैश्विक त्रासदी का मुकाबला कर प्रदेश और देश का मार्गदर्शन किया।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि यह संस्थान महामारी काल में अग्रणी रहा, चिकित्सा शिक्षा के विस्तार में सहायक बना और अब टेक्नोलॉजी के साथ भविष्य के लिए तैयार हो रहा है। आज जब 941 करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतर रही हैं, तो यह महज निर्माण नहीं, बल्कि स्वस्थ उत्तर प्रदेश, समर्थ भारत" की दिशा में एक नए युग की शुरुआत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोविड-19 का प्रकोप प्रारंभ हुआ था, उस समय केजीएमयू प्रदेश का पहला संस्थान था, जहां कोविड जांच की सुविधा शुरू की गई। पहले 100 कोविड संदिग्ध मरीजों की जांच यहीं से प्रारंभ हुई थी। इसी साहसिक और त्वरित पहल से यूपी ने समय रहते महामारी से मुकाबले की रणनीति विकसित की।
मुख्यमंत्री ने आज यहां ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक और न्यू कार्डियोलॉजी विंग का लोकार्पण किया। साथ ही पांच सौ बेड वाले ट्रॉमा सेंटर, जनरल सर्जरी विभाग के नवीन भवन, प्रशासनिक परिसर और पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास किया। योगी ने कहा कि यह अपने आप में किसी भी चिकित्सा संस्थान के लिए बड़ी उपलब्धि है। एक साथ करीब एक हजार करोड़ की लागत से परियोजनाएं शुरू होना इस बात का प्रमाण है कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कितनी गंभीर हैं।
बदलते भारत के साथ उत्तर प्रदेश में आई चिकित्सा क्रांतिमुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। स्वास्थ्य क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। देश में एम्स जैसी संस्थाएं जो कभी गिनी-चुनी थीं, आज उनकी संख्या 23 हो गई है। उत्तर प्रदेश भी पीछे नहीं है, 75 जिलों में 75 मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना अब साकार हो रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में ही 17 नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हुई है, जिनमें से 13 शासकीय हैं।
बलरामपुर में स्थापित हो रहा है केजीएमयू का सेटेलाइट केंद्रमुख्यमंत्री ने बताया कि बलरामपुर में केजीएमयू का सेटेलाइट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महानगरीय चिकित्सा सेवाएं छोटे शहरों तक पहुंचे। इससे लखनऊ स्थित स्वास्थ्य संस्थानों पर दबाव कम होगा और मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने आईआईटी कानपुर के साथ मेडिकल टेक्नोलॉजी पर केंद्रित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की पहल की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास हैं कि केजीएमयू और एसजीपीजीआई इस सेंटर से जुड़कर नई रिसर्च करें और भारत को हेल्थ टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाएं।
इन परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण व शिलान्यासमुख्यमंत्री योगी ने केजीएमयू में 105 करोड़ की लागत से न्यू कॉर्डियोलॉजी विंग की शुरुआत की। वहीं 375 करोड़ की लागत से जनरल सर्जरी विभाग का 6 मंजिला नवीन भवन, 7 मंजिला ट्रॉमा सेंटर विस्तार एवं पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स, सेंटर फॉर ऑर्थोपेडिक सुपरस्पेशियलिटी, डायग्रोस्टिक लैब एवं पेशेंट रिलेटिव एकमोडेशन फैसिलिटी ब्लॉक, नवीन प्रशासनिक भवन, न्यू गेस्ट हाउस का विस्तार का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, स्वास्थ्य एंव चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा, केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद समेत कई गणमान्य, केजीएमयू प्रशासन से जुड़े अधिकारीगण व चिकित्सक मौजूद रहे।