बस्तर में मौजूद मिचनार काफी प्रसिद्ध है, ये पर्यटन स्थल ऊँची जगह पर होने के चलते यहां से बस्तर के घने जंगलों की खूबसूरती और वादियाँ काफी खूबसूरत दिखाई देती है, यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए नाईट टेंट का भी इंतजाम किया गया है | शाम होते ही यहां ठंडी हवा चलने से पर्यटक इस जगह को अनुभव करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं |
आसपास जंगल झड़ियों से बनी झोपडी हर्ट्स और इसके अलावा हरी-भरी वादियां काफी ठंडक महसूस कराती है |
मिचनारी की पहाड़ी के नाम के अनुसार यहां का नजारा बहुत ही रोमांचित हो जाता है। दिवास्वप्न के बीच प्रकृति का दृश्य देखना है। शांत हवा या कभी-कभी भयानक हवा जो पल-पल में रुख बदल देती है। पहाड़ों से दूर-दूर का नज़ारा जो एक नज़र को सार्वभौम देता है। चट्टानों के चट्टानों की प्राकृतिक कारीगरी जिसमें कुछ चट्टानों में कछुए, मगरमच्छ, मछली, केकड़ा और शेषनाग जैसे खिलौने के आकार में दिखाई देते हैं। पहाड़ी के बीच स्थित गुफाएं जो कुछ गुफाएं देव स्थल के रूप में स्थापित की गई हैं। प्रकृति की जो कलाकारी इस पर्वत को बनाने में लगी वह अद्भुत है। इस प्राकृतिक रचना को निहारने अनेक सैलानी प्रतिवर्ष यहाँ घूमने आते हैं |
ऐसे पहुंचा जा सकता है मिचनार
जगदलपुर शहर से 60 किलोमीटर दूर और दंतेवाड़ा से 50 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद मिचनार हिलटॉप पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए कार बाइक और बस भी साधन है | हालांकि एक तय जगह तक वाहन से पहुंचकर पर्यटकों को इसके बाद पहाड़ की ऊंची चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, लेकिन इस पहाड़ पर चढ़ने के बाद मिचनार हिलटॉप का नजारा देखते ही बनता है |
