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अमृत स्नान में दिखा अखाड़ों और नागा संन्यासियों का वैभव

Date : 14-Jan-2025

 महाकुंभ नगर, 14 जनवरी । प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) मंगलवार को संक्राति के दिन शुरू हो गया। पहले अमृत स्नान के समय साधु—संतों और नागा संन्यासियों के वैभव के विराट रूप के दर्शन हुए। धर्म घ्वजा और अखाड़े के इष्ट देव सबके आकर्षण का केन्द्र थे। वातावरण में हर ओर हर हर महादेव और गंगा मैय की जय के जयकारे गुंजायमान हो रहे थे। सुबह 6 बजकर 15 मिनट से शुरू हुआ अखाड़ों का अमृत स्नान शाम 4.30 बजे तक जारी रहेगा। अनुमान है कि आज संगम में अखाड़ों के साधु संतों के साथ ढाई से तीन करोड़ श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बनेंगे।

पवित्र डुबकी लगाने वाला पहला अखाड़ा श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अखाड़ा था। श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा भी महानिर्वाणी अखाड़े के साथ अमृत स्नान में शामिल था। महानिर्वाणी अखाड़े ने 5.15 पर शिविर से प्रस्थान किया और निश्चित समय 6.15 पर संगम घाट पहुंचा।

गौरतलब है कि, महाकुंभ के दौरान कुल छह स्नान आयोजित होंगे, जिनमें से तीन स्नान अमृत (शाही) स्नान होंगे, जिन्हें अखाड़े विशेष रूप से करते हैं। पहले अमृत स्नान का आयोजन मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को होगा, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को और तीसरा वसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को होगा।

अमृत स्नान में दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द है। तीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे, जिसमें श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं। तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा ​अमृत स्नान करेगा।

शेष बचे तीन अखाड़ों में उदासीन अखाड़े आते हैं। इसमें उदासीन श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन, निर्वाण की बारी है। सबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान के लिए जाएगा।

अखाड़ों के संगम जाने का रास्ता तयस्नान के लिए जाने वाले रथों और वाहनों की संख्या मेला पुलिस द्वारा जारी पास के अनुसार ही निर्धारित की जाएगी। अखाड़ों का संगम क्षेत्र (सेक्टर तीन) में अमृत स्नान के लिए आगमन त्रिवेणी मार्ग सेक्टर 20 से पीपा पुल संख्या छह (त्रिवेणी दक्षिणी) और पीपा पुल संख्या सात (त्रिवेणी मध्य) के जरिए गंगा पार करके होगा। वहां त्रिवेणी मार्ग और अखाड़ा मार्ग के क्रॉसिंग पर बाएं मुड़कर निर्धारित संगम घाट पर स्नान की व्यवस्था की गई है। संगम क्षेत्र में अखाड़ों के वाहनों के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था भी की गई है।

संगम से वापसी का रूटसंगम में स्नान के बाद, अखाड़ों के संत और अनुयायी सेक्टर तीन के अखाड़ा वापसी मार्ग से दाहिने मुड़कर पीपा पुल संख्या तीन (महावीर दक्षिणी) और पीपा पुल संख्या चार (महावीर उत्तरी) के जरिए गंगा पार करेंगे। इसके बाद वे महावीर मार्ग, महावीर संगम लोवर और महावीर संगम लोवर मार्ग क्रॉसिंग से बाएं (उत्तर मुड़कर) अखाड़ा वापसी मार्ग से होते हुए अपने-अपने शिविरों में जाएंगे। संन्यासी अखाड़े अपने शिविर में प्रवेश के लिए काली मार्ग का उपयोग करेंगे।

महाकुम्भ के अमृत स्नान14 जनवरी (मंगलवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), मकर सक्रांति29 जनवरी (बुधवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), मौनी अमावस्या3 फरवरी (सोमवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), बसंत पंचमी

 
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