शिमला, 19 नवंबर । हिमाचल प्रदेश में नवंबर महीने में बारिश और बर्फबारी लगभग पूरी तरह गायब हो चुकी है। नवंबर के 18 दिनों में राज्य में सामान्य से 88 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज हुई है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सिरमौर और मंडी जिलों में इस महीने अब तक एक भी बूंद बारिश या बर्फबारी नहीं हुई। इस वर्षा कमी का असर किसानों पर भी दिख रहा है। कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना और मंडी के कई हिस्सों में अधिकतर किसान अब तक गेहूं की बिजाई शुरू नहीं कर पाए हैं, क्योंकि नमी न होने से खेत बुआई के लिए तैयार नहीं हो रहे।
मौसम विभाग का कहना है कि इस नवंबर में सामान्यतः 9.9 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 1.2 मिमी वर्षा दर्ज हुई है। लगातार सूखे मौसम के कारण राज्य में रातें सामान्य से ज्यादा ठंडी हो रही हैं। विशेष बात यह है कि कई मैदानी इलाके हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी इन दिनों शिमला से भी ज्यादा ठंडे हो गए हैं। शिमला का न्यूनतम तापमान बीती रात 9 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि हमीरपुर 7.1 डिग्री, कांगड़ा 8.5 डिग्री, ऊना व नाहन 9.2 डिग्री और मंडी 7.7 डिग्री दर्ज किया गया।
राज्य के कई हिस्सों में तापमान लगातार गिर रहा है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान -5.6 डिग्री और कुकुमसेरी में -5.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, केलांग का तापमान 0.1 डिग्री, कल्पा 2.6 डिग्री और मनाली 4.1 डिग्री दर्ज किया गया। यह तापमान दिखाता है कि पहाड़ों में कड़ाके की ठंड बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद बर्फबारी अभी तक नहीं हुई है।
मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि इस समय पूरे प्रदेश में औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा चल रहा है। हालांकि सुबह और रात सर्द हो रही हैं, लेकिन ठंड की लहर से थोड़ा राहत मिली है। शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर न्यूनतम पारा 10.2 डिग्री, पर्यटन स्थल कसौली में 10.7 डिग्री रहा, जबकि सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में 12 डिग्री, हमीरपुर के नेरी में 12.3 डिग्री जैसे निचले स्टेशन अपेक्षाकृत गर्म रहे।
शिमला का तापमान 9 डिग्री, सोलन 5.8 डिग्री, भुंतर 5 डिग्री, धर्मशाला 8.7 डिग्री और पालमपुर 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। कुल्लू-बजौरा में तापमान 5.8 डिग्री रहा। नारकंडा 6.3 डिग्री, सराहन 5.3 डिग्री, देहरा गोपीपुर 10 डिग्री तथा कुफ़री 9.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
बारिश न होने का असर कृषि पर भी साफ दिखने लगा है। कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी और ऊना जिलों के हजारों किसान रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की बुआई का इंतजार कर रहे हैं। नमी न होने और खेतों में दरारें पड़ने के कारण किसान बुआई नहीं कर पा रहे। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अगले एक सप्ताह में बारिश नहीं हुई तो इस बार गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
इस बीच, मौसम विभाग ने साफ कहा है कि 25 नवंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा। यानी न बारिश होगी और न बर्फबारी की कोई संभावना है।
