विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है, जबकि भारत में इसके दो और मामले सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट में उन्होंने कहा कि यह वायरस नया नहीं है और इससे केवल हल्के संक्रमण ही होते हैं। उन्होंने हाथ धोने जैसे एहतियाती उपाय भी बताए, साथ ही लोगों को चेतावनी दी कि वे हर रोगाणु का पता लगने पर तुरंत जांच न करें।
उन्होंने आगे बताया कि आईसीएमआर के अनुसार, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों की जांच करने वाले प्रयोगशाला नेटवर्क में पाए गए श्वसन रोगजनकों में एचएमपीवी का योगदान लगभग 3 प्रतिशत है।
एचएमपीवी की खोज सबसे पहले 2001 में हुई थी और यह आरएसवी के साथ न्यूमोविरिडे परिवार का हिस्सा है। एचएमपीवी से जुड़े आम लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल है।