एक बार स्वामी विवेकानंद के पास एक युवक आया और अपने हाथ की रेखाएँ दिखाते हुए कहा - "स्वामीजी मेरे हाथ में बताएँ कि क्या है?"
स्वामी जी ने कहा- "आपके हाथ में हड्डियां, रक्त और मास है। इसके सिवाय कुछ भी नहीं। यदि तुम पुरुषार्थ करोगे तो जीवन सफल बन जाएगा अन्यथा नहीं।"
"क्या आपको हस्त रेखाएँ देखनी नहीं आती?"
"जो मेहनत करते हैं, मैं तो उनका हाथ देखता हूँ और मेहनती लोगों के हाथ में तो रेखाएँ होती ही नहीं, क्योंकि जो अपने हाथों से परिश्रम करते हैं उनकी हस्तरेखाएँ मिट जाया करती हैं।"