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अहमदाबाद विमान हादसा...यह सरकार और सिस्‍टम को दोष देने का नहीं, प्रार्थना का समय है

Date : 13-Jun-2025

अहमदाबाद विमान हादसे के बाद से इस पर संवेदनाएं व्‍यक्‍त करनेवालों के साथ ही एक ऐसा वर्ग भी सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहा है, जो लगातार इस घटना के बहाने अपनी सरकार और पूरे सिस्‍टम को दोषी करार दे रहा है। जिन्‍हें देश के बड़े उद्योगपतियों से आपत्‍त‍ि है, उनका विरोध यहां तक पहुंच गया है कि वह उन्‍हें भी इस हादसे का दोषी करार दे रहे हैं। एयर इंडिया का निजीकरण करने की आलोचना कर रहे हैं और सरकार को इस दुर्घटना का कारण मानकर उसे कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। किंतु क्‍या यह व्‍यवहार ठीक है? जब देश के प्रत्‍येक नागरिक को इस दुखद प्रसंग में एक साथ खड़े होना चाहिए, जब उन्‍हें मृतकों के लिए शांति की प्रार्थना करनी चाहिए तब क्‍या इस प्रकार के लोगों का नकारात्‍मक व्‍यवहार उचित कहा जा सकता है?

कई पोस्‍ट पढ़ते वक्‍त लगा कि ये क्‍या लिखा जा रहा है? कहा जा रहा है कि अहमदाबाद सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट के ऑपरेशन और मेंटेनेंस का काम Adani Enterprises की कंपनी Ahmedabad International Airport Ltd (AIAL) देखती है, जिसे 2020 में एयरपोर्ट का ठेका 50 साल के लिए मिला था। एयर इंडिया का मालिकाना हक टाटा ग्रुप के पास है। अक्टूबर 2021 में सरकार ने एयर इंडिया का निजीकरण करते हुए इसे टाटा ग्रुप को सौंप दिया था। निजीकरण के नाम पर जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है लेकिन सुविधाएं घटिया होती जा रही हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का जब से प्राइवेटाइजेशन हुआ है तब से स्थिति खस्ताहाल होती जा रही है रोडवेज बसे, ट्रेन और अब फ्लाइट...।

इसी तरह से किसी भी स्‍तर पर जाकर जिन्‍हें केंद्र की मोदी सरकार को कोसने का अवसर चाहिए, उन्‍होंने भी इस हादसे में अपने लिए अवसर ढूंढ़ लिया। अब जो यह लिख रहे हैं, उन्‍हें पूरी हकीकत भी पहले जान लेना चाहिए। क्‍योंकि समझनेवाली बात यह है कि अदानी कंपनी का काम एयरपोर्ट की देखभाल है, हवाई जहाज उड़ाने और लैंड कराने का काम एयरपोर्ट ऑथोरिटी का है। फिर भी उद्योगपति गौतम अडानी की जो प्रतिक्रिया सामने आई है, वह एक बार सभी को अवश्‍य देखना चाहिए। अडानी ने कहा, "हम एयर इंडिया की फ्लाइट 171 की त्रासदी से स्तब्ध और बहुत दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अकल्पनीय क्षति झेली है। हम सभी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और जमीन पर मौजूद परिवारों को पूरा समर्थन दे रहे हैं।" इस वक्‍त अडानी समूह एयर इंडिया के विमान AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से चल रहे बचाव और राहत कार्यों में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय में काम कर रहा है। एयरपोर्ट के ऑपरेटर के तौर पर, अडानी ग्रुप की ग्राउंड टीमें घटनास्थल पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में से थीं, जो एयरपोर्ट संचालन, आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं और राष्ट्रीय आपदा टीमों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए काम कर रही थीं।यहां इससे अधिक हम क्‍या अपेक्षा कर सकते हैं अडानी ग्रुप से? जबकि वह तो अपना काम अच्‍छे से कर ही रहा है।

हालांकि यह गहन जांच का विषय है कि उक्‍त हादसा हुआ क्‍यों? पर हमें इस तथ्‍य को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि यह पहला मौका नहीं है जब बोइंग का कोई विमान क्रैश हुआ है। हादसों के मामले में बोइंग विमानों का इतिहास दागदार है। इससे पहले 2024 में दक्षिण कोरिया में बोइंग का विमान क्रैश हुआ था, जिसमें लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी। इसमें बोइंग का 737-800 एयरक्राफ्ट शामिल था, जो 737 मैक्स का नया वर्जन था। 2018 और 2019 में भी बोइंग 737 मैक्स का विमान क्रैश हुआ था, जिनमें लायन एयर फ्लाइट 610 और इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302 शामिल थीं। इन दुर्घटनाओं में 346 यात्री और क्रू मेंबर्स की जान चली गई। इस संबंध में अभी तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार, बोइंग विमान दुनिया भर में लगभग 6,000 दुर्घटनाओं में शामिल रहे हैं। इसमें 415 घातक थीं और 9,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। दुनिया भर में हजारों यात्री विमानों में कम से 4,000 से ज्यादा विमान बोइंग 737-800 हैं।

न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में बोइंग विमानों का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है। वहीं, पिछले कुछ वर्षों में पायलटों ने इंजन में बर्फ जमने, ईंधन रिसाव, जनरेटर की विफलता और विद्युत प्रणाली में खराबी जैसी समस्याओं की भी शिकायत की है। इन्‍हीं कमियों के चलते 2024 में कंपनी के एक इंजीनियर, व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपुर ने ड्रीमलाइनर के मुख्य भाग में संरचनात्मक समस्याओं के बारे में अमेरिकी सीनेट को बताया था। इसके बाद बोइंग फिर से जांच के दायरे में आ गया। उन्होंने दावा किया था कि छोटी-छोटी खामियां और सही असेंबलिंग न होना विमान के जल्द खराब होने और संरचनात्मक विफलता का कारण बन सकते हैं। एफएए ने एक जांच शुरू की, जो अभी भी जारी है। स्‍वभाविक है जब तक जांच का कोई परिणाम नहीं आ जाता, ये विमान आसमान में पूरी दुनिया में उड़ते रहेंगे।

वस्‍तुत: यहां हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि इस विमान को आधुनिक ओर सक्षम विमान माना जाता है लेकिन इन विमानों का इतिहास सुरक्षा चिंताओं से जुड़ा रहा है। यह विमान ही क्‍यों पूरा हवाई सेक्‍टर ही हमेशा से चिंताओं से भरा रहा है। लाख सावधानी और सुरक्षा के बाद भी घटना कहीं भी कभी भी घट सकती है। यह कोई दावा किसी भी स्‍तर पर नहीं कर सकता कि दुर्घटना का पता पहले से लगाया जा सकता है। इस केस में पहले प्लेन के पायलट सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर ने mayday कॉल किया था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को हादसे के पहले यह बताने की कोशिश की थी कि विमान में कुछ गड़बड़ी है Mayday कॉल का मतलब पायलट के पास मदद मांगने का समय था, लेकिन प्लेन कंट्रोल करने का नहीं।’ इसका मतलब यह भी है कि इस विमान में अचानक से आई कोई बड़ी खराबी रही, जो इसके हादसे का कारण बना है। वास्‍तव में यह वक्‍त अपनी सरकार पर दोषारोपण करने का नहीं, बल्‍कि जो मृत हुए हैं, उनके प्रति अपनी सांत्‍वना व्‍यक्‍त करने का है।

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हुई है। पति-पत्नी के साथ उनके दो जुड़वां बच्चे और एक बेटे की जो अंतिम फोटो सामने आई है, वह सभी को भावुक करती है। प्रतीक जोशी जो लंदन में पेशे से डॉक्टर थे, उनकी पत्नी कोमी व्यास, जुड़वां बेटियां मिराया जोशी और प्रद्युत जोशी, बेटा नकुल जोशी के साथ यात्रा कर रहे थे। प्लेन के टेकऑफ होने से पहले उन्होंने सेल्फी भी ली थी जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। मरनेवालों में कई लोग तो अपनी बहुत जिंदगी जी चुके थे, लेकिन ये तीनों बच्‍चे तो अभी बहुत छोटे ही थे, जिन्‍हें जीवन में बहुत कुछ देखना था, पर अनहोनी के बारे में क्‍या भविष्‍यवाणी की जा सकती है! इस प्लेन क्रैश में नई नवेली दुल्हन खुशबू की पहली उड़ान ही उसके लिए आखिरी साबित हुई जोकि अपने पति के पास लंदन जा रही थी।

एक भारत की बेटी राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली पायल खटीक जो अपने सपनों को उड़ान देने के लिए लंदन जा रही थी, उसके परिवार के लिए उसकी ये यात्रा अंतिम साबित हुई है। वस्‍तुत: इस तरह की अनेक कहानियां हैं, जिन्‍होंने अपना सब कुछ खो दिया, हर कहानी बहुत भावुक करती है और जिंदगी का सबक भी देती हैं कि जीवन में अंतिम क्षण कब, कहां आ जाए कोई भरोसा नहीं। यहां देखो; ये सभी यात्री थे, लेकिन जो कहीं यात्रा नहीं कर रहे थे, ऐसे विमान हादसे में कम से कम पांच एमबीबीएस के छात्र, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर और बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद के सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी की भी मौत हुई है। इस हादसे में 60 से अधिक मेडिकल छात्र घायल हुए हैं। अब तक जान गंवाने वालों का आंकड़ा 265 पर जा पहुंचा है। रेस्क्यू टीमों ने विमान के ब्लैकबॉक्स, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद कर लिया है, अब रिपोर्ट आनी बाकी है, जिसके बाद यह खुलासा हो सकेगा कि हादसे से पहले अंतिम पलों में में हुआ क्या था। लेकिन जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कम से कम हम इतना तो कर ही सकते हैं जो नहीं रहे, उन मृतकों के लिए शांतिपाठ और जो घायल हैं, उन सभी घायलों के लिए प्रार्थना, न कि अपनी सरकार को घेरने का इसे अवसर मानकर सिर्फ नकारात्‍मक बातें फैलाने का हम कारण बने।

(लेखक - डॉ. मयंक चतुर्वेदी)

 
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