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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: भारत की प्राचीन परंपरा का वैश्विक उत्सव

Date : 21-Jun-2025

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। आधुनिक युग में भारत में योग पर अध्ययन और अनुसंधान का कार्य लगभग एक सदी से चल रहा है। जैसे-जैसे पश्चिमी देशों में योग की लोकप्रियता बढ़ी, वैसे-वैसे इसे मनोचिकित्सा (थेरैपी) के रूप में अपनाने का चलन भी बढ़ा। अब योग के वैज्ञानिक विश्लेषण और शोध तेजी से हो रहे हैं, जिनमें यह देखा जा रहा है कि योग अभ्यास का प्रभाव मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं—जैसे दुश्चिंता (एंग्जायटी), अवसाद (डिप्रेशन), पाचन तंत्र की गड़बड़ियाँ, हृदय रोग, अस्थमा, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों—पर किस प्रकार पड़ता है।

चिकित्सा और मनोविज्ञान की दृष्टि से, अब तक योग को मुख्यतः एक उपचारात्मक विधि के रूप में देखा गया है, जबकि इसके आध्यात्मिक पक्ष, जो जीवन-दृष्टिकोण को प्रभावित करता है, पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है। योगाभ्यास करने वाले लोग अक्सर शरीर में विश्राम, मन में एकाग्रता और हृदय में शांति का अनुभव करते हैं। योग मनुष्य को आत्म-साधना की चरम अवस्था तक ले जाने वाला मार्ग है, परंतु चूँकि मनुष्य स्वभावतः अपूर्ण होता है, इसलिए पूर्णता की ओर उसे दिव्य तत्व या परमात्मा की ओर अग्रसर होना होता है। इसी परम तत्व से जुड़ना ही योग का अंतिम लक्ष्य माना जाता है। यह विशेष दिन ग्रीष्म संक्रांति के साथ मेल खाता है, जब उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आरंभ 2014 में हुआ, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को समर्पित एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय दिवस की घोषणा का प्रस्ताव रखा। उन्होंने योग को भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार बताया और कहा कि यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए बल्कि पूरे ग्रह के स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम भर नहीं है, बल्कि यह स्वयं, समाज और प्रकृति के साथ एकता की अनुभूति पाने का माध्यम है।

2025 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है: "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग"। यह विचार इस बात पर बल देता है कि योग केवल व्यक्ति के कल्याण का ही नहीं, बल्कि पूरी पृथ्वी और समस्त जीव जगत के स्वास्थ्य का मार्गदर्शक है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग के असंख्य लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए वैश्विक समुदाय को प्रेरित करने का कार्य करता है। यह दिन न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को समर्पित है, बल्कि एक समग्र दृष्टिकोण के रूप में सभी आयु और क्षमताओं के लोगों को आत्म-विकास की ओर प्रेरित करता है। यह विविध संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों से आए लोगों को एक मंच पर लाकर योग के माध्यम से एकता की भावना को सशक्त करता है। तनाव-मुक्त जीवन और मानसिक शांति के लिए योग एक प्रभावशाली साधन है, जो आज के व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन में अत्यंत आवश्यक बन गया है।

यह दिवस महिला सशक्तिकरण को भी एक नया आयाम देता है, जिसमें महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है और योग के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास होता है। साथ ही यह दिवस भारतीय सांस्कृतिक विरासत का उत्सव भी है, जो योग की प्राचीन परंपरा को सम्मान देता है और विश्व समुदाय में इसे एक शांति और सौम्यता की शक्ति के रूप में प्रस्तुत करता है।

 
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